वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में गत दिवस एक जमीनी विवाद के मामले को लेकर भाजपा विधायक मन्जू त्यागी और फूलबेहड़ इंस्पेक्टर विधाराम दिवाकर के बीच हुई नोक झोंक के बाद विधायक मन्जू त्यागी दृारा इंस्पेक्टर से अभद्र व्यवहार करने व जूता मारने की बात सोशल मीडिया पर ऑडियो वाइरल होने के बाद फूलबेहड़ इंस्पेक्टर विधाराम दिवाकर को पुलिस अधीक्षक खीरी ने लाइन हाजिर कर दिया था। उसके बाद ऑडियो वाइरल की झड़ी सी लग गई, विधायक से इंस्पेक्टर विधाराम दिवाकर की मोबाइल पर छ: विवादित ऑडियो वाइरल हुई है जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक खीरी राम लाल वर्मा ने उन छ: ऑडियो की क्लिप सौंपते हुये जाँच के आदेश दिये हैं। यह जाँच अपनी तेज तर्रार कार्यशैली व ईमानदार छवि के चलते प्रदेश में पहचानी जाने वाली सी.ओ धौरहरा श्रेष्ठा ठाकुर को सौंपी गई है। यह वही डिप्टी एसपी हैं जिन्होंने गत वर्ष बुलन्दशहर में अपनी तैनाती के दौरान बिना हेल्मेट के एक बड़े भाजपा नेता की बाइक सीज कर दी थी। यह जाँच भाजपा विधायक मन्जू त्यागी और इंस्पेक्टर विधाराम दिवाकर दोनों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। वहीं पर बीजेपी का एक बड़ा वर्ग मन्जू त्यागी के साथ दिखाई पड़ रहा है। जो सोशल मीडिया के दृारा उन्हें निर्दोष बता रहा है। इस सम्बन्ध में सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने बताया कि विधायक और इंस्पेक्टर के बीच मोबाइल पर बातचीत के छ: विवादित ऑडियो हैं। नवागत फूलबेहड़ इंस्पेक्टर घनश्याम राम वर्मा के चार्ज संभालते ही जाँच शुरू होगी। इस बयान में विधायक के भी बयान लिये जायेंगे जिसमें दो ऑडियो काफी गंभीर है जिसमें पहला अवैध खनन को अन्डर में लाने और न आने पर टागे फाड़ देने के विधायक के निर्देश हैं। यह निर्देश धन उगाही का स्पष्ट मामला प्रतीत होता है। दूसरा– जिसमें विधायक ने इंस्पेक्टर को जूता मारने की बात कही है, वैसे तो सभी ऑडियो विधायक को आरोपित कर रहे हैं। यहाँ यह भी कहना जरूरी है ऑडियो वाइरल करना सेवा नियमावली के विपरीत है। यह जनपद खीरी में पहला अवसर है जब किसी पुलिस कर्मी से बातचीत को लेकर जिले में जाँच हो रही है। जिससे भाजपा की काफी किरकिरी हुई है और जाँच को लेकर जिले की जनता काफी उत्सुक दिखाई पड़ रही है।
अपनी कार्यशैली के कारण प्रदेश में जानी जाने वाली सीओ धौरहरा श्रेष्ठा ठाकुर भाजपा विधायक श्रीनगर मंजू त्यागी के आडियो प्रकरण की जांच करेंगी।
एसपी राम लाल वर्मा ने उन सभी छः विवादित आडियो की क्लिप्स सी ओ को सौंप दी हैं। यह जांच विधायक और इंस्पेक्टर दोनो के लिए मुसीबत बन सकती है। उधर बीजेपी का एक वर्ग मंजू त्यागी के साथ खड़ा हो गया है और सोशल मीडिया के द्वारा उन्हें निर्दोष बता रहा है। इस बावत में सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने बताया कि विधायक से इंस्पेक्टर फूलबेहड़ विद्या राम दिवाकर की मोबाइल पर बातचीत के छः विवादित आडियो हैं।
आडियो वाइरल होने के बाद दिवाकर को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था। नवागत इंस्पेक्टर घन श्याम राम ने चार्ज संभाल लिया है। अब जांच शुरू होगी। विधायक के बयान भी लिए जाएंगे। दो आडियो बहुत गंभीर है। पहला जिसमे अवैध खनन करने वालो को अंडर में लाने और न आने पर टांगे फाड़ देने के विधायक के निर्देश हैं। यह धनउगाही का स्पष्ट मामला है। दूसरा जिसमे विधायक ने इंस्पेक्टर को जूता मारने की बात की है। बाकी चार आडियो भी विधायक को आरोपित कर रहे है। यहां यह भी है कि आडियो वाइरल करना सर्विस रूल के खिलाफ है। यह पहला मौंका है जब किसी पुलिस कर्मी से बातचीत को लेकर जिले में विधायक की जांच हो रही है। इस प्रकरण से भाजपा की भी किरकिरी हुई है। जांच को लेकर जनता में भी काफी उत्सुकता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.