अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ भोपाल (मप्र), NIT:
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार आलोक अग्रवाल ने कालापीपल के आप प्रत्याशी का नामांकन करने के लिए अलग से समय देने के लिए चुनाव आयोग का धन्यवाद करते हुए कहा है कि इस ऐतिहासिक फैसले से यह साबित होता है कि भाजपा और कांग्रेस के भ्रष्ट गठजोड़ की ओर से प्रदेश में आम आदमी पार्टी को रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के कालापीपल के प्रत्याशी को नियत तिथि पर नामांकन करने से जानबूझकर रोका गया। इस मामले की शिकायत करने के बाद चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में फैसला दिया और कालापीपल के प्रत्याशी माखन सिंह परमार को 12 नवंबर को सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच शुजालपुर में पुन: नामांकन दाखिल करने का वक्त दिया गया। इसके बाद श्री परमार ने आज अपना नामंकन दाखिल किया है।
माखन सिंह परमार ने इस बारे में कहा कि 9 नवंबर को हमें नामांकन नहीं करने दिया था, जबकि निर्धारित समय से पूर्व 2.45 बजे रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर में पहुंच गए थे। उन्होंने चुनाव आयोग का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हमने 9 नवंबर को नामांकन की प्रक्रिया के तहत पर्चा दाखिल करने की कोशिश की, लेकिन जानबूझकर हमें रोका गया और इसकी सीसीटीवी जांच करने के बाद चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में फैसला सुनाया। इसका स्वागत करते हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने इस मामले पर कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है और अब तक के इतिहास में ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला है। यह फैसला इस बात का सबूत है कि प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के भ्रष्ट गठजोड़ के खिलाफ एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रही आम आदमी पार्टी को दबाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत से घबराकर प्रशासन की मदद से उसे रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच्चाई की जीत आखिरकार होती ही है।
उन्होंने मांग की है कि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को पर्चा दाखिल करने से रोकने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित कर जांच कराई जानी चाहिए। लोकतंत्र के लिए इस तरह की घटना किसी भी तरह से ठीक नहीं है और आम आदमी पार्टी हर स्तर पर इस तरह की ताकतों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
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