Edited by Sandeep Shukla;
अलवर/ जयपुर (राजस्थान), NIT; सात माह की बच्ची से रेप के आरोपी को एससी/एसटी कोर्ट के जज जगेन्द्र अग्रवाल ने शनिवार को फांसी की सजा सुना कर ऐसे शैतानी मानसिकता वाले लोगों के लिए एक नज़ीर पेश कर दी है। यह मामला लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के हरसाना गांव का है। 10 मई की रात को दुधमुही बालिका अपनी मां के साथ सोई हुई थी। देर रात वह अपनी नेत्रहीन जेठानी के पास बच्ची को सोता छोड़ पानी लेने घर के अंदर चली गई। इसी दौरान मौका पाकर गांव का ही करीब 20 वर्षीय पिंटू जोतगी उसे चुपके से उठा कर पास ही मिडिल स्कूल के खेल मैदान में ले जा कर रेप किया और लहूलुहान व बेहद गम्भीर हालत में बच्ची को छोड़ फरार हो गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग बस स्टेंड पर पहुंचे व पुलिस को सूचना दी। कुछ घंटों में ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में आया यह फैसला कई मायनों में देश के लिए खास है। पोक्सो एक्ट में सरकार ने गत 22 अप्रेल को ही बदलाव कर इस तरह के आरोपियों को फांसी की सजा तक का प्रावधान किया था। इसके तहत ही यह राजस्थान में पहला व देश में तीसरा फैसला है। जज अग्रवाल ने तेजी से सुनवाई कर 2 माह 11 दिन के भीतर मात्र 22 अदालती कार्य दिवसों अर्थात 22 पेशियों में ही निर्णय दे दिया।
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