पेट्रोल-डीजल के नाम पर जनता को लूट रही हैं केंद्र और राज्य की सरकारें: पंकज सिंह; आप कार्यकताओं ने दाम कम करने की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; 

पेट्रोल-डीजल के नाम पर जनता को लूट रही हैं केंद्र और राज्य की सरकारें: पंकज सिंह; आप कार्यकताओं ने दाम कम करने की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन | New India Times​आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह ने पेट्रो उत्पादों के बढ़ते दाम पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई की खुली लूट की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों के हाथों में तेल के दाम सौंपने वाली भाजपा सरकार का जनविरोधी चेहरा पूरी तरह सामने आ गया है। यह सरकारें चंद पूंजीपतियों के हाथों का खिलौना बनी हुई हैं और हर तरह से जनता के पैसे को लूटकर चंद उद्योग घरानों की तिजोरियां भर रही हैं। उन्होंने मांग की पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए अन्यथा आम आदमी पार्टी सड़कों पर तीखा विरोध प्रदर्शन करेगी। श्री सिंह आम आदमी पार्टी के पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमतों से लोग परेशान हैं। आज राजधानी में पेट्रोल के दाम 82.73 रुपए हो गए हैं, जबकि डीजल की कीमत 72 रुपए के करीब पहुंच गई है। इन बढ़ती कीमतों को वैट कम करके काबू में किया जा सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया कह रहे हैं कि प्रदेश में फिलहाल वैट कम नहीं किया जाएगा। इससे साफ है कि प्रदेश की सरकार की जनता का भार कम करने की कोई योजना नहीं है। 
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार कम हो रहे हैं। गुरुवार को ही इनमें 26 रुपए की कमी आई है और कच्चे तेल के दाम गिरकर 4887 रुपए पर पहुंच गए हैं यानी एक बैरल कच्चा तेल करीब 71 डॉलर का है। इस हिसाब से पेट्रोल के दाम 50-55 रुपए से अधिक नहीं होने चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार नहीं चाहती कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की गिरावट का लाभ देश के किसानों, व्यापारियों को मिले। 
उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में पेट्रो उत्पादों से केंद्र सरकार की कमाई 97 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं तेल कंपनियों का मुनाफा भी ढाई गुना ज्यादा हो गया है। यह कमाई आम आदमी की जेब को काटकर की गई है। उन्होंने बताया कि तीन सरकारी कंपनियों का मुनाफा साल 2014-15 में 13 हजार 90 करोड़ रुपए था, जो इस साल 2017-18 में बढ़कर 32 हजार 948 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यही नहीं केंद्र सरकार की पेट्रोल-डीजल से 2014-15 में कमाई 1.72 लाख करोड़ रुपए थी, जो 2017 के दिसंबर तक बढ़कर 2.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।


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