मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT;
उन्नव, कठुआ, रोहतक, सुरत एवं देश के अन्य हिस्सों में हुये महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्याओं के दोषियों को तुरंत फांसी देकर ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले पिशाचों के दिलो में कानुन का भय पैदा करने की मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी के मार्फत राष्ट्रपती को भेजा गया। उक्त मांग के लिए हुए जनआक्रोश आंदोलन का नेत्त्व मौलाना आझाद विचार मंच के जिलाध्यक्ष ने किया। उनके साथ इस आंदोलन में सावित्रीबाई फुले महिला संस्था की ज्योती जी, कनक कांचन महिला मंडल की चारू पावसेकर, राजमाता जिजाऊ महिला बचत गुट की शुभांगी आवारी, आशा काळे, जिजाऊ ब्रिगेड आदि शामिल हुए थे।जम्मू ,उन्नाव, सूरत एवं देश के अन्य हिस्सों में हुए बलात्कार और आसिफा के साथ हुए घटना का निषेद करते हुए आज मौलाना आज़ाद विचार मंच यवतमाल के जिलाध्यक्ष अमन निर्बान के अध्यक्षता में एकदिवसीय धरना आंदोलन कर ज़िल्हाधीकारी के मार्फत राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया। इस आंदोलन में ऑल इंडिया तंज़ीम-ऐ- इंसाफ के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष बाबा शाहेज़ाद ,राशिद अनवर और कार्यकर्ता , सावित्री बाई फुले, सौ ज्योति चिखलकर, राजमाताजिजाऊ ब्रिगेड की सौ शुभांगी आवारी, संभाजी ब्रिगेड सूरज खोब्राग़डे जिजाऊ महिला ब्रिगेडे, आशा काढ़े ,बहुजन मोर्चा प्रफुल पाटील, भारतीय वाहन खरेदी संघटन, सागर भालेराव , ग्राहक जागरूता समिति जावेद मलनस ग्राहक संरक्षण समिति एड. रोकड़े , अस्तित्व फाउंडेशन ,स्मिता दुर्गे सामाजिक कार्यकर्ता मिनाज सिद्दीकी आदि सामाजिक संघटनो ने साथ आकर आसिफा के लिए इंसाफ की मांग की। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए मौलाना आजाद विचार मंच के जिलाध्यक्ष अमन निर्बान , जिला उपाध्यक्ष यूनुस ,शेख, शहर अध्यक्ष ज़ाकिर शेख , अकरम मवाल ,सचिव सुधाकर घायवान, प्रफुल गजभिये, जुनेद शेख, जुबेर खान, अंशु निर्बान, आवेज़ मलनस, छोटू मलनस, रुस्तम शेख के अलावा और भी बहुत से संगठन के पदाधिकारीयो ने अहम रोल अदा किया।.
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