अविनाश द्विवेदी/पूजा यादव, सागर (मप्र), NIT;
माननीय एस.के. शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सागर के कुशल मार्गदर्शन में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय एवं सभी तहसील न्यायालयों में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय श्री एस.के. शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय एवं अध्यक्ष अधिवक्ता संघ सागर श्री अंकलेश्वर दुबे, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण की उपस्थिति में बताया गया कि लोक अदालत प्रकरणों के निराकरण का सबसे सुलभ व सस्ता माध्यम है, जिससे आमजन में कानून के प्रति आस्था बढ़ रही है और समाज में सौहार्द्र पूर्ण माहौल निर्मित हो रहा है।
इस नेशनल लोक अदालत हेतु सम्पूर्ण जिले में 38 खण्डपीठों का गठन किया गया जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 584 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन के 1105 प्रकरण निराकृत किय गये। सचिव श्री अमित सिंह सिसोदिया के द्वारा बताया गया कि मोटर दुर्घटना के 106 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राशि रूपये 10151500 के अवार्ड पारित किय गये, जिसमें उल्लेखनीय बात यह है कि 40 प्रकरण न्यू इण्डिया इंश्योरेंश कंपनी से संबंधित है। चैक बाउंस के 67 प्रकरण, आपराधिक प्रकृति के 168 प्रकरण, विद्युत चोरी के 103 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 34 प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 106 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 13250923 रूपये पक्षकारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई गई है। विभिन्न बैंकों के 162 प्रकरण, विद्युत विभाग के 257 प्रकरण, नगर निगम के 528 प्रकरण एवं अन्य 158 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ। जिसमें रूपये 10025236 का राजस्व प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में न्यायाधीशगण श्री डी.के. नागले, विशेष न्यायाधीश, श्रीमति ममता जैन, ए.डी.जे. श्री सुनील कुमार जैन, विशेष न्यायाधीश, विद्युत अधिनियम, श्री राजर्षि श्रीवास्तव, एडीजे, श्री काशिफ नदीम खान, एडीजे, श्री मुकेश कुमार, एडीजे, श्री एम.के. संजय चौहान सीजेएम, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे, सचिव श्री रामकुमार अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, बैंक, विद्युत, बीमा कंपनियों एवं पुलिस प्रशासन आदि का सहयोग रहा। प्राधिकरण के सचिव श्री अमित सिसोदिया द्वारा नेशनल लोक अदालत में सहयोग देने के लिये सभी न्यायाधीशगण, श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं पक्षकारों द्वारा दिये गये सहयोग के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर फलदार वृक्षों का वितरण भी राजीनामा करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष के प्रतीक के रूप में वितरित किये गए।
इस नेशनल लोक अदालत में विशेष प्रकरण के रूप में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एस.के. शर्मा के न्यायालय में लंबित दुर्घटना दावा अधिकरण के एक प्रकरण में गम्भीर उपहति के मामले में आपसी राजीनामे से क्षतिपूर्ति राशि रूपये 595000 प्रदान किये गये। कुटुम्ब न्यायालय के एक प्रकरण में जो श्रीमती पुष्पलता के द्वारा विवाह के 11 वर्ष पश्चात् भरण पोषण हेतु अपने पति श्री सिद्वेश कुमार के विरूद्ध प्रस्तुत किया था लेकिन खण्डपीठ के प्रयास से पक्षकारों के द्वारा आपसी सहमति से राजीनामा कर मामले को समाप्त करते हुये नये वैवाहिक जीवन की शुरूआत करने के लिये वचन लिया गया।
लोक अदालत की सफलता से यह नारा चरितार्थ होता है कि दोनों जीते कोई न हारा, लोक अदालत बढ़ाये भाईचारा।
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