फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने का दम्भ भर रही है लेकिन असल हकीकत कुछ इससे उलट ही है। आलम यह है कि पूर्व की अखिलेश सरकार के दौरान प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली 108 एम्बुलेंस मौजूदा सरकार में मरीजों को जिला अस्पताल तक पहुंचने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं तीमारदार मरीजों को एम्बुलेंस के अभाव में ट्रैक्टर ट्राली पर लाने को मजबूर हैं।
मामला जनपद के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र अंतर्गत नगरौर का है जहां 26 वर्षीय शारदा पत्नी लल्लू की तबियत काफी खराब हो गयी। परिजनों ने महिला की हालत बिगड़ता देख 108 नम्बर डायल किया और महिला को जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस का इंतज़ार करते रहे। लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची और महिला की हालत और भी बिगडने लगी इसके बाद महिला के परिजन महिला के उपचार के लिए साधन ढूंढना शुरू कर दिया लेकिन कोई व्यवस्था न होने के कारण महिला की नाज़ुक हालत को देखते हुए महिला को ट्रैक्टर पर लाद कर ही जिला अस्पताल पहुंचाना बेहतर समझा। इसके बाद महिला को ट्रैक्टर ट्राली पर लाद कर किसी तरह परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसे भर्ती कर उसका उपचार शुरू किया जा सका।
सवाल यह उठता है कि जब जनपद मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर एम्बुलेंस सेवा ध्वस्त पड़ जाती है तो जनपद के दूर दराज इलाकों में एम्बुलेंस सेवा कितनी बेहतर होगी और आमजन को चिकित्सीय सुविधा कितनी सुलभता से मयस्सर हो रही हैं यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.