भोपाल के सुल्तानिया हॉस्पिटल में गंदगी और डाक्टरों की मनमानी से मरीजों का हाल हुआ बेहाल;  स्वास्थय विभाग बना निष्क्रिय | New India Times

सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT;​​
भोपाल के सुल्तानिया हॉस्पिटल में गंदगी और डाक्टरों की मनमानी से मरीजों का हाल हुआ बेहाल;  स्वास्थय विभाग बना निष्क्रिय | New India Times

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सुल्तानिया हॉस्पिटल द्वारा गरीबों का इलाज निःशुल्क किया जाता है लेकिन यहां तो उसके विपरीत ही नज़र आरहा है। लोगों का कहना है कि हॉस्पिटल के अंदर ही जांच की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन यहां जांच न कर डाक्टरों द्वारा हॉस्पिटल से लगे चावला नाम के डाइंगनौसिस सेंटर से ही जांच करवाया जाता है।​भोपाल के सुल्तानिया हॉस्पिटल में गंदगी और डाक्टरों की मनमानी से मरीजों का हाल हुआ बेहाल;  स्वास्थय विभाग बना निष्क्रिय | New India Timesजो जांच के नाम पर मरीजों से मनमानी पैसा वसूल करता है। लोगों का यहां तक कहना है कि डिलेवरी के वक़्त जो (दस्ताने वगैरह ) सामग्री की ज़रूरत होती है वह भी बाहर से ही मरीज़ के परिजनों द्वारा मंगाया जाता है। हॉस्पिटल के अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हॉस्पिटल के डाक्टरों के अनुसार कल ही एक महिला की पैर फिसल कर गिरने की वजह से मौत हुई  है, लेकिन यहां के व्यस्थापक कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।​
भोपाल के सुल्तानिया हॉस्पिटल में गंदगी और डाक्टरों की मनमानी से मरीजों का हाल हुआ बेहाल;  स्वास्थय विभाग बना निष्क्रिय | New India Times
यदि कोई पत्रकार नइस सरकारी अस्पताल का सच उजागर करने की कोशिश करता है तो वहां के डॉक्टरों द्वारा उसके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। यहां तक कि गार्ड के द्वारा पत्रकार को धक्के मारकर बाहर निकाल दिया जाता है।स्वास्थय विभाग भी यहां कुछ खास ध्यान नहीं दे रहा जिस कारण अस्पताल प्रबंधन और अस्पताल का अमला बिना किसी भय के मनमानी कर रहे हैं जिस कारण मरीजों का बुरा हाल है। जब राजधानी के सरकारी अस्पतालों का यह आलम है तो प्रदेश के दूसरे सरकारी अस्पतालों की क्या हालत होगी यह अंदाजा लगाया जा सकता है। 


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