संदीप शुक्ला, ग्वालियर (मप्र), NIT; आज दिनांक 5 जनवरी 2018 की दोपहर, राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय घनश्याम गुप्ता जी के निर्देश पर मानव आधिकार प्रोटेक्शन के ग्वालियर चंबल संभाग अध्यक्ष, राजेंद्र झा ने लश्कर ग्वालियर, आम खो में स्थित किरार छात्रावास में ग्वालियर के गणमान्य नागरिकों से मुलाकात की, साथ ही मानव के अधिकारों को समझते हुए मानव अधिकार प्रोटेकशन द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें इस परिवार कि महीमा बताई एवं आग्रह किया कि वह इस परिवार का हिस्सा बने एवं राजेंद्र झा द्वारा बताया गया कि माह जनवरी तक ग्वालियर चंबल संभागीय कार्य कारणी के साथ समस्त जिले में, जमीनी स्तर पर कार्य कारणी घोषित करेंगे जिसमें आप सभी का सम्मान सहित स्वागत है एवं सहयोग की अपेक्षा है। अपने उद्बोधन में संभागीय अध्यक्ष ने कहा की हमारे उद्देश्य हैं की मानव समाज कल्याण में मानवाधिकार के प्रति जागृति लाने का प्रयास करना। समाज को मानवाधिकारों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करना एवं भारतीय समाज में वर्णित मानवाधिकारों का ज्ञान कराना। भारत सरकार द्वारा पारित मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 का जन-जन में प्रचार प्रसार करना जिससे आम आदमी उसका लाभ प्राप्त कर सके।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग , राज्य मानवाधिकार आयोगों एवं विदेशों में गठित मानवाधिकार आयोगों के संपर्क में रह कर उनकी सेवाएं आम आदमी को मुहैया कराने का प्रयास कराना।
समाज के विभिन्न वर्गों के उत्पीड़न के निराकरण हेतु शासन प्रशासन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग , मानवाधिकार न्यायालाओं एवं अन्य स्तरों पर समुचित न्याय दिलाने सम्बंधित प्रयास करना।
मानवाधिकारों के हनन करने वाली ताकतों के विरुद्ध सतत संघर्ष करना।
मानव-मानव के बीच कटुता, हिंसा, वैमनस्यता, घृणा का वातावरण समाप्त करा कर आपसी प्रेम व शांति का सन्देश विश्व के कोने कोने में पहुंचाने का प्रयत्न करना।
शासन प्रशासन की मानवोपयोगी नीतियों के सफल क्रियान्वन में पूर्ण सहयोग प्रदान करना।
अच्छे आचरण हेतु समय समय पर कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण देना ताकि लोग आचरण एवं अधिकारों के बीच तारतम्य स्थापित कर सकें।
कार्यक्रम में संभागीय अध्यक्ष का वहां मौजूद लोगों ने जोरदार स्वागत किया। ग्वालियर चंबल संभागीय अध्यक्ष के साथ उनके सहयोगी विनय जैन, सुलभ श्रीवास्तव, अनिल सिंह राजपूत, अमित भटनागर, मयंक, माधव पुजारी, बन्टी कुशवाह सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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