अबरार अहमद खान/मुकीज खान, ग्वालियर /भोपाल (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज महाघोटाले में दो बार सीबीआई जांच के बाद भी ग्वालियर से एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार ग्वालियर जिले के दो नर्सिंग कॉलेज संचालकों की बातचीत में इस बात का पर्दाफाश हुआ है कि जिले के सीएमएचओ और निरीक्षण कमेटी के कुछ सदस्य नर्सिंग कॉलेजों से खुलेआम वसूली और दलाली कर रहे हैं।
पैसे न देने वाले कॉलेजों को “अनफिट” घोषित कर मान्यता से वंचित किया जा रहा है, जबकि जो कॉलेज मोटी रकम दे रहे हैं, उन्हें “सूटीबल” रिपोर्ट दी जा रही है। एक ही बिल्डिंग में कई कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनकी मापदंडों पर बिना जांच के अनुमोदन किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट है कि एक संगठित सिंडिकेट प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा को व्यापार बनाकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। ग्वालियर कलेक्टर द्वारा बनाई गई निरीक्षण कमेटी पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं हैं।NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार का कहना है कि
यह बेहद शर्मनाक है कि दो बार सीबीआई जांच के बावजूद नर्सिंग कॉलेजों में भ्रष्टाचार और दलाली खत्म नहीं हो रही है। ग्वालियर में जिस तरह निरीक्षण कमेटी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कॉलेजों से वसूली कर रहे हैं, वह घोर आपराधिक कृत्य है। NSUI इसकी घोर निंदा करती है और हम मांग करते हैं कि:
1. ग्वालियर की वर्तमान निरीक्षण कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाए।
2. पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषियों पर एफआईआर दर्ज हो।
3. मुख्य सचिव की निगरानी में एक उच्चस्तरीय पारदर्शी निरीक्षण कमेटी का गठन कर सभी नर्सिंग कॉलेजों का पुनः निरीक्षण करवाया जाए।”

रवि परमार ने यह भी बताया कि NSUI द्वारा निरीक्षण शुरू होने के पूर्व ही मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर यह मांग की गई थी कि भ्रष्ट और संदिग्ध अधिकारियों को निरीक्षण प्रक्रिया से दूर रखा जाए। परंतु उनकी मांग को अनदेखा कर वर्तमान निरीक्षण कमेटी में ऐसे ही अधिकारियों को शामिल कर दिया गया जो अब गंभीर आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं।
NSUI यह चेतावनी देती है कि यदि सरकार ने इस पूरे प्रकरण में तुरंत निष्पक्ष और सख्त कार्यवाही नहीं की, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। यह केवल नर्सिंग शिक्षा नहीं, बल्कि लाखों विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है।
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