राजधानी भोपाल में बिना अनुमति संचालित हो रहे जीना सीखो अस्पताल एवं डॉ बत्रा क्लीनिक को प्रशासन ने करवाया बंद | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के निर्देश पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले में संचालित विभिन्न क्लिनिक्स की जांच की गई। जांच के दौरान म. प्र उपचार्यगृह एवं रूज़ोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम के तहत बिना पंजीयन चल रहे शुद्धि आयुर्वेद – जीना सीखो  लाइफ केयर लिमिटेड अस्पताल का संचालन बंद करवा दिया गया है। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि इस अस्पताल द्वारा कैंसर सहित गंभीर बीमारियों के जड़ से इलाज किए जाने के विज्ञापन किए जा रहे हैं।

राजधानी भोपाल में बिना अनुमति संचालित हो रहे जीना सीखो अस्पताल एवं डॉ बत्रा क्लीनिक को प्रशासन ने करवाया बंद | New India Times

सी एम एच ओ दल द्वारा एम पी नगर डॉक्टर बत्रा क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। इस क्लीनिक में हेयर ट्रीटमेंट का दावा किया जाता है। निरीक्षण के दौरान क्लीनिक संचालक द्वारा दल को आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखाई जा सके। दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने तक क्लिनिक संचालन बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर द्वारा निरीक्षण के लिए संयुक्त दल गठित किया गया था। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ कार्यपालिक अधिकारी, पुलिस, औषधि प्रशासन के अधिकारी शामिल रहे। 9 मई को दोपहर 3:00 बजे जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज हुरमाड़े, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रितेश रावत , औषधि निरीक्षक श्रीमती मनीषा गुर्जर, अनुविभागीय अधिकारी हुजूर कार्यालय से कार्यपालिक अधिकारी श्री जितेंद्र चौहान एवं रातीबड़ पुलिस द्वारा  नीलबड़ स्थित अस्पताल का निरीक्षण किया गया।

जांच में पाया गया कि तीन मंजिला इमारत में संचालित शुद्धि आयुर्वेदिक अस्पताल में ओपीडी ,आयुर्वैदिक फार्मेसी, आईपीडी एवं पंचकर्म कारणों का दावा किया  जाता है। अस्पताल संचालक ने निरीक्षण दल के समक्ष स्वीकार किया कि उनके द्वारा अस्पताल संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस नहीं है,  न ही इस संबंध में आवेदन दिया गया है।  अस्पताल में शुद्धि आयुर्वेद मार्केटेड बाय जीना सीखो लाइफ केयर लिमिटेड की दवाइयां पाई गईं , लेकिन प्रबन्धन ने औषधि विक्रय की अनुमतियां भी नहीं ली थीं। अस्पताल में फायर एन ओ भी नहीं मिली है।

सी एम एच ओ कार्यालय द्वारा मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं अधिनियम 1997 (यथा संशोधित ) 2021 के उल्लंघन करने पर इन संस्थाओं का संचालन बंद किया गया है। साथ ही आगामी आदेश तक केंद्र में किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय गतिविधियां संचालित नहीं किए जाने की हिदायत दी गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने कहा कि अस्पताल एवं क्लिनिक के पंजीयन, उपचार एवं चिकित्सक के बारे में जानकारी लेना मरीज का अधिकार है । निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को भी सीएमएचओ कार्यालय द्वारा जारी लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन स्वास्थ्य संस्थानों के प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
     विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि विभिन्न प्रचार माध्यमों से किए जाने वाले इलाज के भ्रामक दावों से दूर रहें तथा  पंजीकृत स्वास्थ्य संस्थाओं में योग्य व अपनी पद्धति में पंजीकृत चिकित्सक से उपचार करवाएं।


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