मोहम्मद इसहाक मदनी, ब्यूरो चीफ, मैहर (मप्र), NIT:

शिक्षा विभाग में सच और झूठ के खेल में अब जनता उलझ गई है। सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में एल 1 अधिकारी गर्व से कहते हैं कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या शाला मैहर के प्राचार्य के लेख अनुसार रामायण प्रसाद द्विवेदी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया है। लेकिन जब RTI की तलवार लहराई गई तो DEO साहब ने खुद को पीछे खींच लिया और फरमान जारी हुआ कि ये नियुक्ति तो पूर्व BEO मैहर के आदेश से नियुक्ति हुई थी।
अब सवाल ये है कि साहब, अगर हेल्पलाइन में झूठ बोला गया तो कौन झूठा निकला?
1. DEO साहब?
2. BEO साहब?
3. कन्या शाला के प्राचार्य?
अगर सीएम हेल्पलाइन की बात सच है, तो RTI में गलत जवाब क्यों? और अगर RTI का जवाब सही है, तो हेल्पलाइन में जनता को गुमराह क्यों किया गया? या फिर यहां झूठ बोलने की होड़ लगी है और सच्चाई लुका-छिपी खेल रही है।
सबसे दिलचस्प बात– अगर सीएम हेल्पलाइन (181) में जनता को भ्रमित किया गया है, तो फिर कन्या शाला के प्राचार्य पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही? या फिर सरकारी सिस्टम में झूठ बोलना एक “योग्यता” मानी जाती है?
सवाल तो यही है – झूठा कौन? और कौवा किसे काटेगा?
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