राहुल यादव, लखनऊ, NIT; यूपी की योगी सरकार भले ही शिक्षा का स्तर सुधारने के लिये काफी प्रयासरत है लेकिन सरकार के मंसुबों पर पानी फेरने वालों की कमी नही है जो सरकार के नियम कानून को ताक पर रखकर अपना उल्लू सीधा करने से नही चुकते l प्रदेश में यदि शिक्षा के मामले में बात आये तो इलाहाबाद का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है लेकिन इलाहाबाद में ही एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जो पुरे शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारियों के कुकृत्यों की पोल खोल देता है।मालूम हो कि एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी द्वारा जनसूचना के तहत जानकारी के उपरांत विनोद कुमार गिरी सहायक अध्यापक जो प्राथमिक विद्यालय सुरूआदलापुर विकास खण्ड-माण्डा जिला- इलाहाबाद का स्थानांतरण बिना पत्रांक व दिनांक के ही इलाहाबाद जिले के विकास खण्ड- बहादुरपुर के प्राथमिक विद्यालय मोरारपट्टी में कर दिया गयाl जिसके सम्बंध में जाॅच कर दोषियों पर कार्यवाही करने हेतु शिकायती प्रार्थना पत्र एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी द्वारा प्रेषित किया गया था। जिस पर साक्ष्य सहित कार्यवाई करने हेतु प्रार्थना पत्र पर कार्यवाई करने से कन्नी काटते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी इलाहाबाद के द्वारा आनन फानन में पूर्व की तिथि में कार्यवाई करते हुए पूर्व की जगह भेजते हुए कार्यवाई का दोहन कर दिया गयाl जिस पर पुनः श्री त्रिपाठी ने उक्त मामले मे संलिप्त लोगों पर कार्यवाई करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया हैl यहां बात यह आती है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी इलाहाबाद आखिर क्यों कार्यवाही नही कर रहे है ? क्या उनके ऊपर किसी ‘बड़े’ आदमी का दबाव है या उक्त शिक्षक की पकड़ कही शिक्षा विभाग में ही तो नही है? जो उनके तबादले में अहम भूमिका निभा रहा है। सरकार के नुमाइंदे जब सरकार के नियम की धज्जियां उठायेंगे तो आम आदमी की क्या बात???
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.