कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; राज्य के वन विभाग में महत्वपुर्ण भूमिका निभा रहे वनरक्षक, वनपाल अनेक समस्याओँ का सामना कर रहे हैं। अपनी कई प्रलंबित मांगों को मान्य कराने के लिए आज पूरे महाराष्ट्र में वन कर्मियों ने जिलाधीश कार्यालय के सामने धारना आंदोलन करते हुए प्रशासन को अपनी मांग का ज्ञापन सौंपा।महाराष्ट्र में कार्यरत वन कर्मी दरी-खोरे, जंगल-पहाड़, नक्सलग्रस्त, आदिवासी क्षेत्र में जन समूह से दूर वन व वन्य जीवों के अधिवास में रहे कर उनका संरक्षण कर रहे हैं। वनरक्षक व वनपाल पदों पर काम करने वालों की सेवा पुलिस दल में कार्यरत कर्मियों से कम नही बल्कि अव्हानात्मक होने की बात मा.मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खण्डपीठ ने अपने निर्देश में सन 2000 में कहते हुए ये आदेश जारी किया था कि वनों के संरक्षण व व्यवस्थापन को मजबूत करने के लिए कृति प्रारूप तैयार करने का आदेश किया था। तत्पश्चात राज्य के प्रधान मुख्य वंन रक्षक ने इस आदेश का पालन करते हुए राज्य शासन की मंजूरी लेने के बाद मा. उच्च न्यायालय नागपुर में सन 2002 में पेश किये थे ताकि कर्मियों को न्याय मिल सके। तत्पश्चात मा.उच्च न्यायालय ने 2004 में आदेश देते हुए प्रारूप पर प्रभावी तौर पर अमल करने की बात कही। पुलिस दल की ही तरह वन कर्मियों को वेतन श्रेणी दिए जाने की सिफारिश वन अधिकारियों ने राज्य शासन से कई बार की है। इन सभी बातों को नज़र अंदाज़ किये जाने के कारण धारना आंदोलन किया गया, जिसमें शासन के सामने ये मांगें रखी गईं…..
- वनरक्षक-वनपाल को वेतन श्रेणी बड़ा कर दी जाए।
- पुलिस दल की तरह प्रोत्साहन भत्ता व अतिकालिक भत्ता, आहार भत्ता दिया जाए।
- वन्यजीव विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मियों को विशेष भत्ता देंह
- पुलिस की तरह परिवार को स्वास्थ्य योजना का लाभ मिले।
- संप काल की अर्जित रजा को मंजूर करे।
- ड्यटी करते समय मौत होने पर पुलिस की तरह 25 लाख रुपए नुक्सान भरपाई दें।
- वनपाल को यात्रा भत्ता 2500 रुपए दिया जाए।
इस प्रकार की कुछ और भी मांगे हैं। बुलढाणा जिलाधीश कार्यालय के सामने किये गए इस आंदोलन में महाराष्ट्र वनरक्षक-वनपाल संघटन के बुलढाणा जिलाध्यक्ष अजय वानखड़े, उपाध्यक्ष प्रकाश सावले, जी.आर.वीर सहित राहुल चौहान, नालिंदे, संजय राठौड, समाधान मानटे, शरद घुगे, शिपे, शेख, गवई के अलावा बड़ी संख्या में वन कर्मी शामिल थे। इस मौके पर संघटन ने अपने मांगों का ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा।
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