ओवेस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT;
आज देश में कास्तकार दुष्काळ, नापिकी ,कर्ज ,आत्महत्या आदि से चिंतित है तथा शासन उनकी मुश्किलात हल करने में नाकाम है। सन 1972 के भीषण दुष्काळा में देश में कई अनगिणत कास्तकारों ने आत्महत्या की। उसी तराह सन 80 से 90 के दशक में हुए किसान आंदोलन के काल में आत्महत्याएं नहीं हुईं, लेकीन अब कास्तकारों को आत्महत्या क्यों करनी पड रही है, इसका पता लगा कर आज देश में नये क्रांति की जरूरत निर्माण होने का प्रतिपादन जेष्ठ किसान नेते विजय जावंधिया ने व्यक्त किया।
सामाजिकवएवं मानव सेवा मे कार्यरत सक्रिय मूवमेंट फॉर पीस अँड जस्टिस (MPJ) सामाजिक संघटना की ओर से रविवार को स्थानीय कृषी उत्पन्न बाजार समिती के गायवाडे में शेतकरी मेला संपन्न हुआ। इस समय जावंधिया वक्ता के रूप मे बोल रहे थे। एमपीजे के प्रदेशाध्यक्ष मो. सिराज की अध्यक्षता में संपन्न इस मेले में मार्गदर्शक के रूप मे किसान नेता प्रकाशराव पोहरे, बाजार समिती के सभापती शिरीष धोत्रे, अंजनवादी आंदोलन लातूर के लक्ष्मण वांघे, जिल्हा पत्रकार संघ के अध्यक्ष शौकत अली मीरसाहेब, सोशल जस्टिस के राजेंद्र पाटोदे ,धनंजय मिश्रा, एमपीजे के जिल्हाध्यक्ष मो.अतिकुर रहेमान, महानगराध्यक्ष शहजाद अनवर आदि उपस्थित थे।जावंधिया ने आगे बताया कि पंतप्रधान मोदी जी केवल बेगडी सहानुभूती कास्तकार वर्ग के संदर्भ बताते हैं। वास्तविक कास्तकारों ने अपने जमीन बेच कर बच्चों को चपरासी बनाने का मार्ग दिखाते हैं। देश मे अधिकारी ,नोकरदार वर्ग के पगार में बेतहाशा बढोतरी हुई है। उन्हें सातवां वेतन अयोग मिला, लेकीन कास्तकारों के उत्पन्न में कोइ भी बढोतरी इस देश मे अब तक नहीं हुई। शासन देश में कृषी क्षेत्र एवं कास्तकार वर्ग के संदर्भ में गैर जिम्मेदार रवैया अपनाने की वजाह से किसानों की आत्महत्या में बढोतरी होने का आरोप भी लगाया। ऐन चुनाव के समय गुजरात में शासन ने कापस को पांच सौं रुपये बोनस देते हुए कास्तकारो को लालच दी गइ तथा मोदी सरकार यानी” मुख में राम बगल मे छुरी” के प्रतीक होने बताया। आगे उन्होंने बताया कि पूर्व में देश में गोल्ड स्टैंडर्ड पद्धत थी। देके किसानों को ऋण के पहाड के नीचे ढकेले जाने का आरोप उन्होंने लगया।
इस मौके पर मिर्जा अकील बेग, मो.मुजाहिद ,अब्दुल रहीम, शे.सामी. अजहर चौधरी, इमरान सैय्यद , शमीम हेमाड , शेख मतीन, सैय्यद मोहसिन, नसरुल्ला खान, शकील खान, युनूस खान, मो.मुस्ताक, मो.अजीम समेत पदाधिकारी एवं दूर तहसील से आए हुए कास्तकार बडे संख्या में उपस्थित थे।
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