मुंबई झोपडपट्टी पुनर्वास योजना में गडबडी करने वालों की अब खैर नहीं, पीएपी में झोल की अब खुलेगी पोल | New India Times

सुहेल फारूकी, मुंबई, NIT;​मुंबई झोपडपट्टी पुनर्वास योजना में गडबडी करने वालों की अब खैर नहीं, पीएपी में झोल की अब खुलेगी पोल | New India Timesमुंबई के झोपड़पट्टी में कई घर खरीदकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वालों की अब खैर नहीं है। बीएमसी परियोजना प्रभावित लोगों (पीएपी) के लिए बनाए जाने वाले घरों और उनके लाभार्थियों को लेकर की जाने वाली गड़बड़ियों की अब पोल खुलने वाली है। बीएमसी अपने सिस्टम को एसआरए के साथ भी जोड़ने की तैयारी में है, जिससे दोनों जगह लाभ लेने की कोशिश में पड़े लोगों को आसानी से खोज निकाला जा सकेगा।​ मुंबई झोपडपट्टी पुनर्वास योजना में गडबडी करने वालों की अब खैर नहीं, पीएपी में झोल की अब खुलेगी पोल | New India Timesमिली जानकारी के अनुसार बीएमसी लाभार्थियों को घर देने से पहले उनके आधार कार्ड नंबर लेगी, जिसका उपयोग रेकॉर्ड के तौर पर किया जाएगा। इससे दो-दो घर रखकर पीएपी लेने वालों की भी कलई खुल जाएगी। फर्जी कागजात बनाने वालों की भी अब खैर नहीं होगी। इससे काफी निवेशक बाहर हो जाएंगे और घरों के औने-पौने दाम नियंत्रण में आएंगे।​
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झोपड़ों में घरों की कीमतें होंगी कम

झोपड़ों में घरों के दाम अब आसमान छूने लगे हैं। हाउसिंग क्षेत्र के जानकार इससे पीछे इन्वेस्टर्स का हाथ बताते हैं। उनके मुताबिक आधार से जुड़ने के बाद झोपड़ों में घर खरीदने वाले इन्वेस्टर्स बड़ी रकम लगाने से बचेंगे, जिससे घरों की लागत काफी हद तक नियंत्रण में आएगी। कई लोग झोपड़ों में तीन-चार घर भी खरीद लेते हैं। कोई व्यवस्थित प्रक्रिया न होने के कारण ऐसे लोग अलग-अलग जगहों पर घर भी पा जाते हैं। 


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