नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

किसी A 4 साइज पेपर पर पावर कट का टाइम टेबल फ्रेम कर नीचे कार्यकारी अभियंता का ओहदा लिख कर बिना स्टैंप और हस्ताक्षर के उस कागज को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। हम इस नोटिस को प्रमाणित नहीं करते मात्र जानकारी हेतु समाचार में जगह दे रहे हैं। इसी सूचना को प्रमाण मानकर नेट कारीगरों ने मराठी भाषा में सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल किए। लोग पवार कट के लिए तैयार रहे, कई सार्वजनिक और निजी संस्थानों तथा सरकारी दफ्तरों मे तकनीकी कामकाज रातभर जारी रहे। किसी भी घर का कोई प्लग सुना नहीं था जिसे मोबाइल चार्जर लगा न हो। घर की गृहणियां माताएं बहने बच्चों के स्कूल के लिए सुबह से पहले भोर में जाग कर किचन में जुट गई की पावर कट होने वाला है।

दूसरे दिन तय समय पर पावर कट हुआ हि नहीं। जनता में इस बात की चर्चा होने लगी की आखिर हो क्या रहा है? बिजली बोर्ड ने पवार कट को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई स्टैंड लिया था या नहीं। क्या यह कोई फेक नेरेटिव था जो सोशल मीडिया पर ठेल दिया गया? हमें पता चला कि शहर के किसी एक इलाके में पावर कट किया गया है। बिजली बोर्ड को इस मामले में अपनी भूमिका साफ़ करनी चाहिए ताकि अफवाहों की चिंगारी किसी असंतोष की शक्ल धारण न कर ले। जिस विकसित शहर में यह सब हो रहा है वह कोई सामान्य कस्बा नहीं है बल्कि सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री गिरीश महाजन का गृह नगर जामनेर है। जिसे भविष्य में मंत्रालय के छठे मंजिल की प्रमुख केबिन का दावेदार माना जाने लगा है।
खबरों में उलझा मोदी जी का दौरा: 20 अगस्त के मराठी अखबार उठाकर देखने पर पहले पेज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन दौरे पर होने की खबरे नज़र आई। उसी अखबार के जिला संस्करण में मोदी जी 25 अगस्त को जलगांव में लखपती दीदी सम्मेलन में पधारेंगे यह लिखा था। कोई भी आम आदमी सोच में पड़ सकता है कि यह कैसे संभव है। उपहास स्वरूप आलोचना करने वाले कहेंगे मोदी है तो मुमकिन है। ऑन रेकॉर्ड छपी अलग अलग खबरों के इस विरोधाभास को लेकर PMO प्रेस रिलीज़ जारी करेगा। ठीक इसी प्रकार से पावर कट के कथित विषय पर बिजली बोर्ड को अधिकृत तरीके से प्रेस नोट ज़ारी करनी चाहिए।
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