गुलशन परूथी, ब्यूरो चीफ, दतिया (मप्र), NIT:
विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त के दौरान आयोजित किया जाता है। इस कड़ी में शासकीय नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर दतिया में नर्सिंग छात्राओं के लिए जागरूकता सत्र दतिया अकादमी ऑफ पीडीयाट्रिक्स द्वारा आयोजित किया गया जिसमें शिशु रोग विभाग अध्यक्ष डॉ राजेश गुप्ता द्वारा नर्सिंग छात्राओं को स्तनपान के फायदे और सामाजिक आवश्यकता को प्रतिबिंबित करते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान की गई।
डॉ गुप्ता ने बताया कि जन्म के बाद शिशु पहले 1 घंटे में सर्वाधिक सक्रिय रहता है यदि इस दौरान उसे स्तनपान शुरू कर दिया जाए तो आगे कभी भी मां को स्तनपान कराने में समस्याएं नहीं आती एवं पर्याप्त मात्रा में बालक को अगले 2 साल तक आवश्यकतानुसार मां का दूध मिलता रहता है। चूंकि मानव मस्तिष्क बनने का समय भी पहले 2 साल ही होते हैं इसलिए कम से कम 2 साल तक मां का दूध हर शिशु को आवश्यक रूप से मिलना चाहिए।
यदि समय रहते मां का दूध जन्म के तुरंत बाद शुरू नहीं किया जाता है तो फिर मां का दूध निकलने में समस्याएं आती है और शिशु को ऊपर का दूध पिलाना पड़ता है जिसकी वजह से कई सारे संक्रमण और समस्याएं शिशु को होती है और उसका विकास अवरुद्ध हो जाता है। इस दौरान डॉ संजीव कुमार गर्ग ने भी सही तरीके से स्तनपान कराने के तौर तरीके डमी के जरिए प्रशिक्षणार्थियों को बताएं। सत्र के दौरान नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के शिक्षक गण और स्टाफ उपस्थित थे।
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