खबरदार! वसई-विरार में गरीब होना जुर्म है; गरीबों व लघु उद्योगों को उजाड रही है वसई-विरार मनपा, अवैध निर्माण के नाम पर मनपा अधिकारी खेल रहे हैं गंदा खेल; लखनऊ की तर्ज पर हो गरीबों को निर्माण की छूट | New India Times

साबिर खान/सुहेल फारुकी, वसई-विरार (महाराष्ट्र), NIT;  ​

मुंबई और आसपास में पूरे देश से लोग रोजी रोटी की तलाश में आते हैं और कडी मेहनत कर कुछ रूपये जुटा कर गांव में भी भेजते हैं और यहां भी छोटा आशियाना व लघुउघोग कायम करने की कोशिश करते हैं जिससे सरकार के साथ दूसरे लोगों को भी फायदा मिलता है। लेकिन अब मुंबई से लगा वसई-विरार शहर कुछ अधिकारियों की वजहसे गरीबों व छोटे कारोबारियों के लिए सबसे मुश्किल कर्मभूमि बन चुका है। गरीबों की पूरे जिंदगी की गाढी कमाई वसई-विरार के भ्रष्ट अधिकारी अवैध निर्माण के नाम पर ध्वस्त कर बर्बाद कर देते हैं। लोगों का सवाल है कि क्या वसई-विरार शहर में गरीब होना जुर्म है? ​खबरदार! वसई-विरार में गरीब होना जुर्म है; गरीबों व लघु उद्योगों को उजाड रही है वसई-विरार मनपा, अवैध निर्माण के नाम पर मनपा अधिकारी खेल रहे हैं गंदा खेल; लखनऊ की तर्ज पर हो गरीबों को निर्माण की छूट | New India Timesज्ञात हो कि वसई-विरार मनपा के आईएएस कमिश्नर सतीश लोखन्डे ने अवैध निर्माण रोकने के लिए प्रभाग वाइज तोडक दस्ते के साथ सीवीसी टीम भी बना रखी है। आरोप है कि इसके अधिकारी पहले अवैध निर्माण के बदले मोटी रकम वसूल करती है और निर्माण होने के बाद आयुक्त के आदेश का हवाला दे कर निर्माण को ध्वस्त कर देते हैं, जिससे गरीबों व छोटे कारोबारियों के पूरी जिंदगी की पूंजी मिनटों में स्वाहा हो जाती है। लोगों का आरोप है कि मनपा अधिकारी लोगों के सामानों व मशीनों को निकाल कर गैरकानूनी तरीके से तोडक कारवाई कर रहे हैं जबकि कि किसी के सामान को निकाल कर तोड़ने के लिए कोर्ट का आदेश होना जरूरी है। ​खबरदार! वसई-विरार में गरीब होना जुर्म है; गरीबों व लघु उद्योगों को उजाड रही है वसई-विरार मनपा, अवैध निर्माण के नाम पर मनपा अधिकारी खेल रहे हैं गंदा खेल; लखनऊ की तर्ज पर हो गरीबों को निर्माण की छूट | New India Timesमिली जानकारी के मुताबिक़ वसई विरार शहर महानगर पालिका प्रभाग सी की सहायक आयुक्त रूपाली संखे आज कल मनमानी तरीके से कार्यवाही कर रही हैं जबकि मनपा आयुक्त श्री सतीश लोखन्डे का आदेश है कि रूम के अन्दर रहवासी रहते हैं उसे ना तोडा जाये, लेकिन रूपाली संखे उनके आदेशों को ठेंगा दिखा रही हैं। आरोप है कि कई सालों का बना हुआ रूम खाली कराकर जबरन तोडा जा रहा है।​खबरदार! वसई-विरार में गरीब होना जुर्म है; गरीबों व लघु उद्योगों को उजाड रही है वसई-विरार मनपा, अवैध निर्माण के नाम पर मनपा अधिकारी खेल रहे हैं गंदा खेल; लखनऊ की तर्ज पर हो गरीबों को निर्माण की छूट | New India Timesसुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक हरवटे नामक व्यक्ति का बनाया हुआ गाला जब तोड़ने रूपाली संखे गईं तो रूपाली संखे का पोल ही खुल गई, यह बात सामने आई कि एक  लाख रुपए का डिमान्ड पूरा न होने पर गाला तोड दिया गया। सूत्रों से यह भी पता चला है कि एक रूम बनाने के लिए 20 से 25 हजार रूपये लेकर रूम वा गाला बनाने का प्रमीशन देती हैं और रातों  रात काम करने के लिये कहा जाता है। 
कुल मिलाकर सवाल यह उठता है कि जिस गरीब फ्लैट खरीदने के लिए 25-50 लाख रुपये नहीं है वह अपना आशियाना कैसे बनाए? एक तरफ सरकार प्रधानमंत्री आवास व दिगर योजना गरीबों के लिए चला रही है वही वसई-विरार में बिना सरकारी मदद के कोई गरीब घर बनाता है तो उसे अवैध निर्माण की आड लेकर धराशाई कर दिया जाता है। तो क्या गरीब को यहां रोटी, कपडा और मकान का अधिकार नहीं है। यदि मनपा को तोडक कारवाई करनी है तो पहले इन गरीबों के पुनर्वास का बंदोबस्त करना चाहिए।

लखनऊ नगर निगम में 1000 वर्ग फुट घर बनाने के लिए एलडीए से कोई प्रमीशन लेने की जरूरत नहीं है बल्कि वह अपनी मर्जी से घर बना सकता है जो वहां कानूनी है, तो फिर वह कानून यहां लागू क्यों नहीं किया जाता जिससे गरीबों को राहत मिले???


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