अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
खुनियांव विकास क्षेत्र के ग्राम मैनहवा में मंगलवार रात्रि को संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर की 133 वीं जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इन्द्री ग्रान्ट के कलाकारों ने बाबा साहब के जीवन चरित्र का मंचन कर खूब वाहवाही बटोरी। बौद्धाचार्य डा. जेपी बौद्ध ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया। अनुयायियों ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद विधायक सैय्यदा खातून ने कहा कि बाबा साहब केवल दलित ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के मसीहा रहे हैं। सबके कल्याण के लिए उन्होंने शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष का नारा दिया है। नारियों के उत्थान में बाबा साहब जीवन भर संघर्ष करते रहे। सतेन्द्र यादव ने कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के निर्माता रहे। संविधान में बाबा साहब ने हम पिछड़ों के उत्थान के लिए आरक्षण का प्राविधान किया। राम प्रकाश चौधरी ने कहा कि बाबा साहब को बचपन में छुआछूत और जातिवाद का खाफी सामना करना पडा था। लेकिन बाबा साहब ने तनिक भी न घबराए और बड़े होकर इन्हीं सब कुरीतियों के खिलाफ जन आंदोलन छेडे़। संचालक जयकिशोर गौतम ने कहा कि बाबा साहब ने खत्म हो चुके बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया। आज पूरे देश में यह धर्म तेजी से फैल रहा है।इस अवसर पर बहरैची प्रसाद प्रेमी, राम अवतार प्रजापति, गोविंद मौर्य, चंदभूषण आर्य, पुजारी गौतम, रंजीत गौतम, डा.जेपी बौद्ध, दिनेश गौतम, मौला, अनिल बौद्ध, जगत बौद्ध, डा. संजीव कुमार, राम विलास, मनव्वर हुसैन, तसव्वर, हरिद्वार विश्वकर्मा, मंगरे, जिकरूल्लाह, अब्दुल्लाह, संतोष, शफीक, मनोज, सुनील, श्याम लाल, सलमान सहित भारी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।
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