सूखे का ऐलान निकला जुमला, आवाम ए नगर सुनिए 31 मार्च तक टैक्स जमा कीजिए वरना जब्त होगा घर, हर घर टीम-घर घर वसूली | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

सूखे का ऐलान निकला जुमला, आवाम ए नगर सुनिए 31 मार्च तक टैक्स जमा कीजिए वरना जब्त होगा घर, हर घर टीम-घर घर वसूली | New India Times

सुनिए सभी शहरी ध्यान से सुनिए आने वाली 31 मार्च 2024 के अंदर आप सभी कर दाता अपनी संपत्ति का सरकारी टैक्स निकाय कार्यालय के ख़ज़ाने में जमा करवा दें। अगर नहीं कराया तो सरकार की ओर से कानूनी कार्रवाई स्वरूप आपका घर/संपत्ति को कुर्क किया जा सकता है। भोपू के ज़रिए मराठी भाषा में प्रसारित की जा रही नगर परिषद की इस सूचना को हमने हिन्दी में बड़ी शालीनता से अनुवादित किया है। लोकसभा चुनाव के बीच सरकार ने अपना राजकोष भरने के लिए प्रशासन को दौड़ा दिया है। बोदवड़ जामनेर से लेकर सावंतवाडी तक महाराष्ट्र में ” हर घर पथक – घर घर वसूली ” नाम की योजना शुरू हो गई है। आचार संहिता न होती तो मोदी जी इसे विकसित (शोषित?) भारत के पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे लॉन्च करते। समर्थन में भाजपा के प्रभावी, अतिप्रभावी और विशेष प्रभावी नेता, मंत्री मोटर साइकिल रैलियां निकालते।

सूखे का ऐलान निकला जुमला, आवाम ए नगर सुनिए 31 मार्च तक टैक्स जमा कीजिए वरना जब्त होगा घर, हर घर टीम-घर घर वसूली | New India Times

टैक्स देना जनता का दायित्व और वसूलना सरकार का अधिकार है। वैसे आम चुनाव लोकतंत्र का महान पर्व है, वोट देना वोटर का अधिकार और वोट पाना पार्टी प्रत्याशी का अहोभाव है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वैश्विक आलोचना का सामना कर रही भाजपा द्वारा 400 पार के प्रण सिद्धि हेतू महाराष्ट्र से अपने महाप्रतापी केडर को पश्चिम बंगाल के रण में उतारा जाना चाहिए। हम अपने मुख्य विषय पर आते हैं स्थानीय निकायों के कर्मचारी घर-घर जाकर नागरीकों से जितना बन पड़े उतना टैक्स वसूल रहे हैं। CAA, NRC को लेकर गोदी मीडिया की ओर से लोगो के बीच फैलाया गया डर प्रशासन को टैक्स वसूली के लिए मददगार साबित हो रहा है। CAA/NRC की चर्चा से आहत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब नागरिकों को उनके पुरखों की जन्मपत्री के लिए प्रशासन हफ्तों महीनों से घुमा रहा है। जिनके पास पुश्तैनी नागरिकता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य, प्रमाण या किसी किस्म के दस्तावेज़ नहीं है वो लोग प्रशासन से DNA जांच की मांग का अनुरोध करें, सैंपल देने के लिए तत्पर रहें।

सूखा निकला जुमला

उत्तर महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित जिलों में जलगांव के किसी भी ब्लॉक को नामजद नहीं कराया गया है। अभी तो सूखे का ऐलान हि नहीं किया अगर अकाल घोषित किया गया होता तो टैक्स वसूली में 2% ब्याज माफ़ होता, वसूली में इतनी सख्ती नहीं बरती जाती। जनता को कई रियायतें मिलती, सेवाओं का शुल्क माफ हो जाता। शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्य में सरकार के नाम पर असंवैधानिक सरकार चलाने के अलावा कुछ नहीं किया।


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