बिना फिटनेस, बिना बीमा और बिना प्रदूषण पत्र के दौड़ रहे वाहनों पर पुलिस परिवहन विभाग है मेहरबान | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

बिना फिटनेस, बिना बीमा और बिना प्रदूषण पत्र के दौड़ रहे वाहनों पर पुलिस परिवहन विभाग है मेहरबान | New India Times

भारत में स्कूल भोजन कार्यक्रम 2001 में शुरू हुआ।इस कार्यक्रम को मध्याह्न भोजन योजना के रूप में पहचाना जाता है। यह सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों पर लागू है और पका हुआ मध्याह्न भोजन प्रदान करता है। इसका इरादा इन स्कूलों में छात्रों की पोषण स्थिति, नामांकन, भागीदारी और ठहराव में सुधार जैसे सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को संबोधित करना है विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भारत में इस कार्यक्रम को दुनिया के सबसे बड़े स्कूल भोजन कार्यक्रम में से एक के रूप में मान्यता दी।

यह कार्यक्रम विभिन्न मध्याह्न भोजन प्रदाताओं (एमडीएमपी) की मदद से पूरे देश में चलाया जाता है। ये एमडीएमपी आमतौर पर रसोई सुविधा से संचालित होते हैं और सीमित संख्या में स्कूलों में पका हुआ भोजन पहुंचाने के लिए डिलीवरी वैन के एक सेट का उपयोग करते हैं। भोजन दोपहर के भोजन के समय (सभी स्कूलों में सामान्य) से पहले वितरित किया जाना आवश्यक है।

इसी क्रम में लखीमपुर खीरी जनपद में बिना कागजों के दौड़ रहे वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
पुलिस और ARTO विभाग केवल पत्रकारों की गाड़ियों के कर रहे चालान UP13AS-5270 की गाड़ी सिंगाही कस्बा से धौरहरा तक बांटती है खाना।
एनजीओ की गाड़ी UP13AS-5270 जिसकी 06 सितंबर 2020 तक थी फिटनेस। गाड़ी का बीमा 15 जनवरी 24 तक था और प्रदूषण 06 मार्च 2022 तक था। बिना फिटनेस बिना प्रदूषण और बिना बीमा के गाड़ियों का संचालन बड़ी लापरवाही उजागर करती है। सूत्रों की मानें तो जनपद में ऐसे कई मामले में पुलिस और परिवहन विभाग लापरवाह बना हुआ है।


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By nit

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