अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

विवादों के घेरे में रहीं रजनी नायर की बढ़ी मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। एनएसयूआई मेडिकल विंग की शिकायत पर विवि प्रशासन हरकत में आ गया है। विश्वविद्यालय के उप कुल सचिव ने नर्सिंग सकांय से स्टाफ नर्स नायर के डिटेल्स मांगे हैं।
दरअसल, रजनी नायर स्टाफ नर्स है, लेकिन गांधी मेडिकल कॉलेज ने उन्हें प्रोफेसर बना रखा है। इसका काफी विरोध भी हुआ। इससे पहले कई छात्राएं भी उनके खिलाफ गंभीर शिकायत कर चुकी हैं। हाल ही में नायर को जब प्रायोगिक परीक्षा का परीक्षक बनाना गया तो एनएसयूआई मेडिकल विंग ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। एनएसयूआई के विरोध के बाद विवि प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।
अब विवि प्रशासन ने विवादित एवं कार्यक्षमताहीन स्टाफ नर्स रजनी नायर के संबंध में गांधी मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग सकांय से बिंदुवार जानकारी मांगी है। इसमें पूछा गया है कि रजनी नायर किस पद पर पदस्थ हैं, उनका शैक्षणिक अनुभव क्या है एवं उनके ऊपर कोई विभागीय / अनुशासत्मक कार्यवाही लंबित है की नहीं । साथ ही यह भी पूछा है कि अगर उन्हें विश्वविद्यालय के किसी कार्य के लिये चुना जाता है तो उसमें कोई आपत्ति तो नहीं है।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि उन्होंने हाल में ही मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अयोग्य, कार्यक्षमताहीन एवं विवादित स्टाफ नर्स को तत्काल हटाने की मांग करते हुए विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कुलपति से पूछा था कि क्या मध्यप्रदेश के नर्सिंग कालेजों में योग्य प्राध्यापक नहीं हैं क्या? उन्होंने कहा कि एक अयोग्य नर्सिंग स्टाफ को प्रायोगिक परीक्षा का परीक्षक बनाना विश्वविद्यालय के अधिकारियों की कार्यक्षमता का स्तर दर्शाता है। बहरहाल, अब परमार ने कहा कि यदि नायर के विरुद्ध कार्रवाई होती है तो यह सकारात्मक कदम होगा।
रवि परमार ने बताया कि कुछ समय पहले हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं तत्कालीन उप प्राचार्य रजनी नायर के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में 131 छात्राओं ने शिकायतें की थी। वहीं हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की सभी छात्राओं ने रजनी नायर के खिलाफ 3 दिन तक लगातार विरोध प्रदर्शन किया था उसके बाद रजनी नायर को उप प्राचार्य के पद पर हटाया दिया गया था। लेकिन छात्राएं मुकदमा दर्ज करवाने की मांग पर आखरी तक अड़ी रहीं उसके बाद उन्हें नर्सिंग कालेज से हटाकर उनकी मूल पदस्थापना हमीदिया अस्पताल में स्टाफ नर्स में कर अस्थाई रूप से नर्सिंग कॉलेज में प्राध्यापक के लिए रखा गया है।
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