सालों से माँ सरस्वती के चित्रों को भेंट कर सुकून पाता साहित्य साधक डॉ चंचल | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश के साहित्य साधक, डॉ राम शंकर चंचल, अपने जीवन में सैकड़ों कार्य करते हुए जीते हैं जो समाज देश के लिए प्रेरणा देता हुआ सही दिशा में आने वाले कल को ले जाता है उन में एक है बसंत पंचमी पर प्रति वर्ष सालों से अनेक स्कूलों को माँ सरस्वती के चित्र को भेंट कर चुके डॉ चंचल ने इस वर्ष वेद कला मन्दिर के हो रहे बसंत पंचमी के मां सरस्वती पूजा अर्चना में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए वहाँ बच्चों को माँ शारदा देवी का बेहद खूब सूरत सुंदर चित्र भेंट करते हुए माँ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी के लिए माँ से प्रार्थना की वही इस बार उन्होंने, अपने मित्र और साहित्य को अद्भुत सम्मान देने वाले सभी साहित्यकारों की रचनाओं को सदा ही महत्व के साथ, प्रकाशन कर ऊर्जा देते हुए सदा ही प्रसन्न रहने वाले मित्र रिंकू रुनवाल को उनके अभिन्न मित्र वैभव सोडानी के साथ माँ शारदा देवी का चित्र भी भेंट करते हर्ष महसूस किया। सच मुच आज देश में ऐसे साहित्य साधक कहाँ है जो लेखन से कभी कुछ नहीं लेते हैं न कभी देकर प्रकाशन करवा कर हर्ष महसूस करते हैं उनका मानना है कि यह माँ सरस्वती की पूजा और आराधना है जहाँ केवल भाव और कर्म होता है जो सभी मानव मात्र के लिए कल्याण कारक है जो लेखन के शिक्षा के महत्व के साथ समाज और देश को सही रास्ता दिखाने में सहायक होता है इसका धन से कोई लेना देना नहीं होता है‌।


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