संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
अमानगंज नगर के राजनीतिक माहौल में अचानक एक नया कोहराम मचा जब देश का सबसे बड़ा चुनाव हमारे नजदीक है तभी नगर की राजनीतिक संस्था नगर निकाय में कुछ माताओं बहनों सहित नगर के कुछ जनप्रतिनिधि नगर निकाय का विरोध इस बात को करने को लेकर पहुंचे कि उन्हें मूलभूत सुविधाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है रोज़ाना उनके वार्डों में ना तो सफाई होती है और ना ही कचरा उठाने नगर परिषद की गाड़ी पहुंच रही है एवं उनके वार्ड में पेयजल की समस्या बनी हुई है ऐसी कई जनसमस्याओं को लेकर एक विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गया और देखते ही देखते नगर निकाय के मुख्य दरवाजे पर ताला लटका दिखाई देने लगा। अब यह ताला किसने जड़ा और कैसे जड़ा यह पुलिस जांच का विषय बन चुका है हालाँकि जैसे ही इस बात की सूचना स्थान पुलिस को लगी तो पुलिस बल मौके पर जा पहुंचा और स्थिति संभल गई। देखते ही देखते नगर निकाय अमानगंज के कर्मचारियों ने इस बात की सूचना अपनी नगर परिषद अध्यक्ष को दी। और नगर निकाय अध्यक्ष के साथ समस्त कर्मचारी अपनी फरियाद को लेकर पुलिस थाना अमानगंज जा पहुंचे। घटना की सूचना नगर परिषद कर्मचारियों में से नगर निकाय के राजस्व निरीक्षक सुरेश कुमार गौतम ने एक लिखित आवेदन के माध्यम से पुलिस को सूचना दी। जिसमें फरियादी सुरेश कुमार गौतम पिता दरबारी लाल गौतम ने कहा कि रोज की तरह में नगर निकाय अमानगंज में अपना शासकीय काम कर रहा था तभी नगर से पार्षद पति धूराम चौधरी पिता हरि चौधरी, शिशुकान्त बड़ेरिया उर्फ मेनू पिता भारत और कांग्रेस पार्षद मनीष छिरोलिया पिता कंछेदी छिरोलिया यह कहते हुए आए कि तुम लोग हमारे मोहल्ले और वार्डों में साफ सफाई नहीं करवा रहे हो और ना ही पानी की उचित व्यवस्था कर रहे हो नगर परिषद के ऑफिस के अंदर अनाधिकृत रूप से घुस आए और मेरे साथ गाली गलौज कर धक्का-मुक्की कर शासकीय कार्य में बाधा डाली एवं मेरे रजिस्टर फाइल फेंक दिए उक्त घटना को हमारे सहायक कर्मचारियों ने देखा और सुना जिन्होंने बीच बचाव भी किया और फरियादी द्वारा बताया गया कि ऑफिस के बाहर जाते समय आरोपियों ने नगर परिषद ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया। यह घटना करीब 11:30 की फरियादी द्वारा बताई गई। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों के विरुद्ध धारा 342, 353, 294, 186, 427, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया। हालाँकि इस विषय को लेकर स्थानीय मीडिया ने जब नगर के प्रमुख प्रतिनिधियों का वर्जन और विचार लेने का प्रयत्न किया तो कैमरे के सामने आने से सभी जनप्रतिनिधि पीछे हट रहे थे। नगर में चर्चा थी कि यह मामला राजनीतिक बन चुका है इसमें घर की आपस की लड़ाई को मौके पर निपटाया जा सकता था जो पुलिस थाने तक जा पहुंचा हालांकि इस मामले में भाजपा स्वयं प्रभावित हुई है उसका सिंबल से जीता हुआ एक प्रत्याशी पति आरोपी बन चुका है। नगर परिषद की लड़ाई अर्थात घर-घर की लड़ाई पुलिस थाने की चौखट तक आई।
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