पवन परूथी, भोपाल/ ग्वालियर (मप्र), NIT:
प्रदेश में नए डायल-100 वाहनों के संचालन का मामला सुप्रीम कोर्ट से निपट गया है। मार्च तक नई कंपनी के काम संभालने की उम्मीद है। इसके बाद नए डायल-100 वाहन दौड़ने लगेंगे। अभी कंडम वाहन के चलते एक हजार में से 100 से 150 वाहन हर समय अनफिट रहते हैं। नई कंपनी को जिम्मेदारी मिलने पर नए वाहन आ जाएंगे। साथ ही वाहनों की संख्या चरणबद्ध तरीके से एक हजार बढ़कर दो हजार की जाएगी। अभी टाटा सफारी वाहन चल रहे हैं उनकी जगह शहर में इनोवा और ग्रामीण क्षेत्रों में बोलेरो वाहन चलेंगे। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नई कंपनी को संचालन की अनुमति के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।बता दें कि अभी काम कर रही बीवीजी कंपनी का कार्यकाल 2020 में ही पूरा हो चुका है, पर नई कंपनी नहीं आने के कारण तीन वर्ष से छह-छह माह के लिए उसका कार्यकाल बढ़ाया जाता रहा है।
नए टेंडर में शर्तों पर खरी नहीं उतरने के कारण बीवीजी कंपनी को अयोग्य करार दिया गया तो कंपनी ने हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। यहां से भी कंपनी के पक्ष में निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद हैदराबाद की एक कंपनी को संचालन सौंपने का निर्णय लिया गया। शासन की स्वीकृति मिलने पर कंपनी काम करने लगेगी।
दोगुनी हुई संचालन की राशि
प्रदेश में डायल-100 वाहनों के संचालन के लिए सितंबर 2022 में 690 करोड़ रुपये की निविदा निकाली गई थी, लेकिन समय बढ़ने के साथ अब यह राशि 1350 करोड़ रुपये हो गई है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि समय बढ़ने के साथ कुछ नई सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं, जिससे संचालन का खर्च बढ़ गया है।
नई कंपनी आने पर यह सुविधाएं बढ़ेंगी
अभी एक हजार वाहन चल रहे हैं। प्रतिवर्ष 200 वाहन बढ़ाकर इनकी संख्या 2000 की जाएगी। वाहनों में तैनात पुलिसकर्मियों को बाडीवार्न कैमरे दिए जाएंगे, जिससे घटना स्थल की रिकार्डिंग हो सके। जीपीएस के माध्यम से फोन करने वाले की सही लोकेशन ली जाएगी। इसके लिए निजी मैप प्रोवाइडर का सहयोग लिया जाएगा।
ऐसी सुविधा रहेगी, जिसमें फोन करने वाले का नंबर डायल-100 के पुलिसकर्मियों को पता नहीं चलेगा। काल सेंटर की क्षमता 80 से सौ सीटर की जाएगी। पहले पांच वर्ष के लिए कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे छह वर्ष किया जा रहा है।
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