अब्दुल वाहिद काकर, विशेष प्रतिनिधि, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जळगांव जिला के वडनगरी स्थित श्री बड़े जटाधारी मंदिर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की मधुर वाणी में शिवपुराण महाकथा का आयोजन किया गया था। कथा के दौरान रिकार्ड तोड़ भीड़ उमडी थी। इस दौरान मंत्री गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष लाखों शिव भक्तों के लिए जीवन रेखा बना रहा। मंत्री गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष के माध्यम से 24 घंटे निर्बाध रोगी देखभाल प्रदान कर मरीजों के लिए कक्ष संजीवनी साबित हुआ है।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन के निर्देशानुसार शिव भक्तों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष निर्देश दिये गये थे, जिसके अनुसार मंत्री गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष की सफलता के लिए विशेष योजना बनायी गयी। यह मुख्य रूप से जलगांव जिला दुग्ध संघ के निदेशक और गिरीश महाजन के विश्वसनीय सहयोगी अरविंद देशमुख के निर्देशन में किया गया था। उनकी देखरेख में पूरे चिकित्सा सहायता कक्ष की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी।
लाखों मरीजों का हुआ निःशुल्क इलाज
पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में मंत्री गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष के माध्यम से दो लाख 63 हजार शिवभक्तों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी गयी है। इसमें मरीजों को दवा, इंजेक्शन और बेड की व्यवस्था की गई। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में 24 घंटे शिवभक्तों को चिकित्सा सुविधा दी गयी है।
सीरियस रोगियों के लिए कुल दस एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी। गिरीश महाजन मेडिकल असिस्टेंस हेल्प डेस्क के दो सौ स्वयंसेवकों ने दिन-रात सेवा देकर शिव कार्य में पूर्ण योगदान देने का पुण्य कार्य किया है।
शिव पुराण कथा के दौरान कम पानी पीने के कारण कई शिव भक्तों को एसिडिटी और सीने में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ा। शिव कथा के आखिरी दिन बुलढाणा की एक वृद्ध महिला को अचानक सीने में दर्द होने लगा. घटना की सूचना तुरंत गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष के स्वयंसेवकों को मिली, जो मंडप के मध्य क्षेत्र में पहुंचे और तुरंत उपचार उपलब्ध कराया ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया ठीक होने पर उसे फिर से कथा के प्रांगण में एम्बुलेंस के माध्यम से रिश्तेदारों को सौंपा।
हालाँकि, आमदार गिरीश महाजन चिकित्सा सहायता कक्ष के स्वयंसेवकों ने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए अपनी कड़ी मेहनत से शिव भक्तों को बहुत राहत दी है।
इस दौरान डॉ क्षितिज भालेराव, भूषण भोळे, अमय राणे, राहुल पाटील, मुविकोराज कोल्हे,रुपेश ठाकूर, तुषार चौधरी, साहिल देशमुख, श्याम पाटिल, विजय जगताप, विनय मेश्राम, जितेंद्र चौथे, शेखर चौधरी, मुकेश पाटील, कल्पेश कासार, योगेश चौधरी, पप्पू चौधरी, दुर्गेश चौधरी, ओम चौधरी, मयूर राणे, सुधीर मेश्राम के अलावा प्रमुख स्वयंसेवकों ने कड़ी मेहनत की।
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