ऑल इंडिया काजी बोर्ड का गठन, गाजी वली सदर, मजीद सालार महामंत्री नियुक्त | New India Times

इदरीस मंसूरी, भोपाल (मप्र), NIT:

देश के चुनिंदा शहरों में मौजूद कजियात व्यवस्था ने कौम के लिए कई मुश्किलात खड़ी कर रखी हैं। निकाह से लेकर शादियों तक और दीनी मसाइल से समाजी हालात तक में बिखराव की स्थितियां बनी हुई हैं। इस बिखराव का फायदा सियासी तौर पर भी उठाने के भी नतीजे सामने आने लगे हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए अब देशभर के काजी, मुफ्ती, उलेमाओं ने एक मंच पर आने का ऐलान कर दिया है। ऑल इंडिया काजी बोर्ड के साए में आए इन लोगों ने हर मसले पर एक राय और फैसला कायम करने की तैयारी की है। जिससे देशभर में मुस्लिम समुदाय के साथ बेहतरी और समान भाव के हालात बन सकें।

ऑल इंडिया काजी बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता काजी नूर उल्लाह यूसुफ जई ने बताया कि देश में मौजूदा हालात के चलते उलेमाओं को एक मंच पर लाने की कोशिशें लंबे समय से की जा रही थीं। जिसका ठिकाना अब इस बोर्ड के गठन के रूप में मिला है। उन्होंने बताया कि बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मौलाना गाजी वली अहमद वली चिश्ती का नाम सर्वसम्मति से तय किया गया है। देश दुनिया में अपनी बात और कौम ए मुस्लिम में खास पहचान रखने वाले मौलाना गाजी के मार्गदर्शन में ही इस राष्ट्रीय बोर्ड की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की मंशा बनाई गई है। काजी यूसुफ जई ने बताया कि इस बोर्ड के राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी मौलाना हाजी अब्दुल मजीद सालार निभायेंगे। देशभर के मदारिस और मस्जिदों से राब्ता रखने वाले सालार साहब ने इस काजी बोर्ड को ऊंचाइयों तक ले जाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

जल्द ही बनेगी कार्यकारिणी:- काजी यूसुफ जई ने बताया कि ऑल इंडिया काजी बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा जल्दी ही की जाएगी। जिसमें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, केरल, हैदराबाद, कर्नाटक, आसाम, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों के उलेमा हजरात शामिल रहेंगे। इसके साथ मप्र की कार्यकारिणी के नाम भी तय कर लिए गए हैं, जो जल्दी ही ऐलान किए जायेंगे।

अब नहीं होगा बिखराव:- कौम के विभिन्न मसाइल को लेकर ऑल इंडिया काजी बोर्ड अपना रवैया तय करेगा। इन्हीं के आधार पर सबकी भलाई और खैर के लिए तजवीज तैयार की जाएंगी। बोर्ड सियासी मामलों के लिए भी अपनी राय स्थापित करके सभी को एक विचारधारा पर लाने की कोशिश करेगा। फिलहाल अलग अलग विचारधाराओं में बंटे होने के चलते सियासी दलों द्वारा मुस्लिम समुदाय को इस्तेमाल भी कर रहे हैं और उनका शोषण भी। ऑल इंडिया काजी बोर्ड चुनावी और समाजी मामलों पर लोगों को एक मुश्त राय पर कायम कर समुदाय को एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने का काम करेगा।


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