विवेक जैन, बागपत (यूपी), NIT:
सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर जनपद भर में याद किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जिला पंचायत बागपत के सदस्य व प्रमुख समाजसेवी संजय डीलर ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह एक महान देशभक्त थे। उन्होंने मुगलों के अन्याय, अत्याचार और पापों को खत्म करने और धर्म की रक्षा के लिए मुगलों से 16 बार युद्ध लड़े। औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में चुनवा दिया था, इसके बावजूद भी गुरु गोविंद सिंह धर्म के मार्ग से तनिक भी विचलित नहीं हुए। संजय डीलर ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा होने के साथ-साथ एक अच्छे कवि और लेखक भी थे और उन्हें संस्कृत, फारसी सहित अनेकों भाषाओं का ज्ञान था। वह बहुत ही सरल, सहज और भक्ति-भाव वाले व्यक्ति थे। संजय डीलर ने बताया की अगर गुरु गोविंद सिंह को धोखे से ना मारा गया होता तो मुगल साम्राज्य पहले ही समाप्त हो गया होता। संजय डीलर ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जैसी महान शख्सियत सदियो में कभी कभार ही जन्म लेती है। उन्होंने लोगों से गुरु गोविंद सिंह जी के महान व्यक्तित्व और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।
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