ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; विगत कही महिनों से बर्मा देश में रोहिंग्या मुस्लिम एवं हिंदु समाज पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। बर्मा के आरेखन प्रांत में अत्याचार दिन ब दिन बढ रहा है। इस अत्याचार में बर्मा देश की शासन का भी सहकार्य है।
प्राक्त जानकारी के अनुसार बर्मा में समाजिक संगठन आशीन द्वारा नागरिकों व शासन आदि से आह्वान किया जा रहा है कि मुस्लीम समुदाय को खत्म करना, हत्या करना धार्मिक कर्तव्य है, जिसकी वजह से रोहिंग्या मुस्लिम एवं हिंदू समाज की बर्मा शासन की मदद से हत्या की घटनाओं में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है। यहां का आलम यह है बर्मा की मस्जिद,रघर, दवाखाने, स्कुल आदि ठिकानों पर आगज़नी की जा रही है। इस अति अत्याचार की वजह से रोहिंग्या मुस्लिम एवं हिंदु अपनी जान बचाने के लिये दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं। मीडिया सूत्रों के नुसार बर्मा के लाखों मज़्लूम तुर्की एवं बंगलादेश में पनाह हुये हैं। ज़ुल्म की इंतेहा करने के बाद भी बर्मा से बांगलादेश हिजरत कर रहे नागरिकों के रास्ते में ज़ालिमों द्वारा बम लगाये जाने का आरोप बांगलादेशी अधिकारीयों ने लगया है। इस बम के फटने की वजह से कई रोहिंग्या नागरीक गंभीर रुप से ज़ख्मी हो गये हैं, इसी के साथ भारत में करीब 14000 नागरिक कानूनी तरीके से आश्र्य लीये हुये हैं तथा बडी तादाद में गैर कानूनी तरीके से रोहिंग्या नागरीक रह रहे हैं जिस पर प्रधानमंत्री ने व्यक्तव्य व्यक्त किया है कि इन रोहिंग्या नागरिकों को वापास उनके देश चला जाना चाहिये, लेकीन वहां की परीस्थिती के चलते रोहिंग्या नागरिकों का उनके देश वापस जाना गलत होगा।
बर्मा में हो रहे मौत के नंगे नाच के निषेध में शुक्र्वार को दोपहर 3:30 बजे स्थानीय खुल्य नाट्यगृह परीसर में जन सत्याग्राह संगठन द्वारा बर्मा शासन का पुतला दहन किया गया साथ ही जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री से ज्ञापन में मांग की गई कि बर्मा रोहिंग्या नागरिकों को भारत में रहने की अनुमति दें तथा इस संदर्भ में अन्य देशों जैसे उचीत कदम उठायें ताकी समाज में एकता एवं मानवता कायम रहे। इस अंदोलन व मोर्चा और निवेदन आसीफ अहमद खान और सैय्यद नासीर आदि के नेतृत्व में हुआ। सइस मौके पर मो.आसीफ शेख, एजाज़ अहमद कुरेशी, मो.जावेद रंगुंवाला, जानी कुरेशी, शेख अश्फाक, इमरान मीर्ज़ा, शेख आज़म, नोमान खान, तौसीफ अहमद मोंटु, मोबीन खान, सैय्यद ज़मीर जेके, स्वापनील माधळे, सैय्यद रियाजुद्दीन, अब्दुल आसिफ, सै कामील आदि मौजूद रहे।
इसी के साथ जिले में कइ तहसील स्तर पर भारत बंद का मुजाहिरा किया गया जिसे विविध समाज के नागरिकों ने स्वीकार कर बंद को अच्छा प्रतिसाद दिया।
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