अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एकदिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नर्सिंग छात्रों ने भोपाल में पीएम मोदी का विरोध करने का अनोखा तरीका निकाला। नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने विरोध स्वरूप आसमान में काले गुब्बारे छोड़े। गुब्बारों के माध्यम से नर्सिंग छात्रों ने पीएम मोदी से पूछा कि हमारी परिक्षाएं कब होगी।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के नेतृत्व में सोमवार सुबह नर्सिंग छात्रों ने गुब्बारे लेकर चेतक ब्रिज के पास पहुंच कर एक ऊंची इमारत के ऊपर से उन्होंने स्लोगन लिखे गुब्बारों को खुले आसमान में छोड़े। इन गुब्बारों पर लिखा था, ‘मोदी जी नर्सिंग परिक्षाएं कब होंगी’ अन्य गुब्बारों पर लिखा था कि ‘मोदी जी नर्सिंग महाघोटाले के आरोपी मंत्री के विरुद्ध कार्रवाई कब होगी।
नर्सिंग स्टूडेंट्स का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता रवि परमार ने कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले की वजह से मध्य प्रदेश के लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में अटक चुका है। साथ ही मध्यप्रदेश सरकार नर्सिंग के सत्र 2023-24 को जीरो ईयर करने की तैयारी में है। ऐसे में नर्सिंग की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले प्रदेश के छात्र छात्राओं को अन्य राज्य की और पलायन करना होगा।
गुब्बारों पर प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की फोटो लगा कर नोटों की माला पहनाई गई छात्र छात्राओं का कहना हैं कि हम मध्यम वर्गीय परिवार से हमने लाखों रूपए लोन लेकर कालेज की फीस भर दी लेकिन नर्सिंग घोटाले की वजह से हमारा भविष्य अधर में लटक गया जो कुछ पैसे बचे थे वो हमने प्रधानमंत्री को समर्पित करते हुए परीक्षा करवाने की मांग की हैं।
रवि परमार ने कहा कि कई प्रयास के बावजूद पुलिस प्रशासन हमें पीएम मोदी को ज्ञापन देने से रोक देती है ऐसे में काले गुब्बारों के माध्यम से हमने प्रधानमंत्री को नर्सिंग घोटाले की ओर ध्यान आकर्षित करवाना चाहते हैं। पीएम मोदी से हमारी मांग है कि नर्सिंग घोटाले को संज्ञान में लेकर उच्चस्तरीय जांच कराएं और दोषी मंत्रियों को पद से हटाएं। साथ ही जल्द से जल्द नर्सिंग परिक्षाएं कराने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं।
परमार ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कालेजों के फर्जीवाड़े की वजह से लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में अटक गया। पिछले तीन सालों से छात्र छात्राओं की परीक्षाएं नहीं हुई। वहीं परीक्षा की मांग करने पर मध्यप्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं पर पुलिस प्रशासन द्वारा झूठे मुकद्दमे दर्ज़ कर 10-20 और 50 हजार रुपए तक के बांड भरवाएं जा रहें हैं ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके।
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