रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर जल्दी ही टोल देकर यात्रा की जा सकेगी। काम पूरा होने के बावजूद उद्घाटन के इंतजार में परिवहन शुरू नहीं किया जा रहा था।
प्रधानमंत्री कार्यालय से तारीख मिलने का इंतज़ार किया जा रहा था लेकिन अब खबर है कि पीएमओं ने फिलहाल सड़क शुरू करने को कहा है यानी टोल लेकर आवागमन चालू कर दिया जाएगा और औपचारिक उद्घाटन बाद में होगा। ऐसे में एनएचएआई ने टोल दरें स्वीकृत करने के लिए मुख्यालय को पत्र भी भेज दिया है।
टोल वसूली के लिए एजेंसी की तलाश भी शुरू कर दी गई है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अफसरों ने बताया, रोड़ बनने के बावजूद टोल वसूली नहीं होने और उद्घाटन नहीं होने के कारण यहां वाहनों की आवाजाही दो महीने से अधिक समय से बंद की हुई है। एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश के हिस्से में गुजरात सीमा तक बनकर तैयार है। ऐसे में फिलहाल इसे झाबुआ के थांदला के करीब तिमारवानी एंट्री पाइंट तक चालू किया जाएगा।
एक लाख करोड़ की लागत के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस 8 लेन एक्सप्रेस वे का जिले में 50.5 किमी हिस्सा गुजर रहा है। जून माह में टोल के शुरू होने की चर्चा थी। सांसद गुमान सिंह भी कई मर्तबा इंस्पेक्शन के लिए आ चूजे है , लेकिन दिल्ली से लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से समय नहीं मिल पाया। टोल लेने की प्रक्रिया शुरू होने पर मध्य प्रदेश के 244 किलोमीटर हाइवे को आम जनता के लिए खोला जा सकेगा।
सामान्य तौर पर दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर कार या लाइट व्हीकल का टोल
दिल्ली-मुम्बई 8 लेन पर कार या लाइट व्हीकल का टोल
औसत 2.20 से 2.25 रुपए प्रति किलोमीटर तथा बस- ट्रक का 7 से 7.35 रुपए प्रति किलोमीटर रहेगा।
इसमें भी जहां स्ट्रक्चर ज्यादा है वहां यह औसत से ज्यादा लग सकता है तथा जहां सीधा रोड़ है और इंटरचेंज कम हैं या पुल-पुलियाएं 60 मीटर से छोटी हैं, वहां पर ये कार व बस के लिए क्रमश: 2 और 7 रुपए प्रति किमी से भी कम वसूला जाएगा। मप्र सेक्शन के लिए टोल गणना की प्रक्रिया अभी चल रही है और नोटिफिकेशन ज़ारी नहीं हुआ है। एनएचएआई के अफसरों के अनुसार यह एवरेज कार के लिए 2.20 रुपए प्रति किलोमीटर के आसपास रहेगी।
एनएचएआई ने कितनी दरों के प्रस्ताव भेजे हैं, ये अभी सामने नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है, अप्रूवल मिलने के बाद ही इसके बारे में बताया जाएगा।
8 लेंन पर ये वाहन प्रतिबंधित
मोटर साइकिल (स्कूटर तथा अन्य दोपहिया वाहन सहित), तिपहिया (ई-कार्ट्स और ई-रिक्शा सहित), बिना मोटर वाले वाहन, ट्रेलर के साथ या ट्रेलर के बगैर ट्रैक्टर, बहु धूरीय हाइड्रोलिक ट्रेलर वाहन, क्वाड्रिसाइकिल
प्रदेश में लंबाई किस जिले में कितनी
झाबुआ 50.5 किलोमीटर रतलाम 91.1 किलोमीटर मंदसौर 102.8 किलोमीटर
ऐसा बना है देश का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
रोड़ की चौड़ाई – 8 लेन, एक तरफ की चौड़ाई 15 मीटर, बीच में 20 मीटर का डिवाइडर
हाइवे की लंबाई- 1386 किमी, प्रदेश में 244 और जिले में 50.5 किमी
रेस्ट पाइंट पर हेलिपेड भी
एक्सप्रेस-वे पर निश्चित दूरी के बाद रेस्ट पाइंट रहेंगे। यहां पर ट्रामा सेंटर, होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट तैयार हो चुके हैं। इनके टेंडर की प्रक्रिया भी चल रही है। एक हेलिपैड भी बनाया गया है। हाइवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया, इमरजेंसी होने पर मरीजों को एयर लिफ्ट करने की जरूरत हुई तो इस हेलिपेड का उपयोग किया जा सकेगा। यहां पेट्रोलिंग वाहन, एंबुलेंस और अन्य ज़रूरी सुविधाएं भी रहेंगी।
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