महरिया ने पेश की साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, रक्षाबंधन पर मुस्लिम बहन के घर जाकर बंधवाई राखी | New India Times

अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

महरिया ने पेश की साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, रक्षाबंधन पर मुस्लिम बहन के घर जाकर बंधवाई राखी | New India Times

आए दिन दो समुदायों में झगड़ा होना और उसके तनाव होने की खबरें तो कई बार सामने आई हैं लेकिन अब साम्प्रदायिक सौहार्द पेश करने वाली खबर सामने आई है। यह खबर सीकर जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के बेसवा गांव से आई है। यहां पर रक्षाबंधन के मौके पर हिन्दू भाई ने मुस्लिम महिला के घर पहुंच कर राखी बंधवाकर साम्प्रदायिक सौहाद्र की मिसाल पेश की है। फतेहपुर के पूर्व विधायक नन्द किशोर महरिया ने मुंह बोली मुस्लिम बहन जरीना खां के आवास पर जाकर राखी बंधवाकर हिन्दु मुस्लिम में आपसी प्रेम, भाईचारा का संदेश दिया है। जानकारी के अनुसार बेसवा निवासी जरीना खां बेसवा ग्राम पंचायत की सरपंच भी हैं। जरीना पूर्व विधायक नन्द किशोर महरिया की मुंह बोली बहन हैं। नन्द किशोर महरिया ने बताया कि जरीना खां का भाई असलम उनके साथ पढ़ा हुआ है, दोनों साथ ही रहते थे। उस समय से ही जरीना से भाई बहन वाला रिश्ता चलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि राखी तो हर वर्ष ही बंधवाते है लेकिन देश में भाईचारा कायम रहे व लोग आपस में मिलजुल कर रहें इसलिए यह संदेश दिया गया है। महरिया ने कहा कि कोई भी धर्म, मजहब हमें दूसरे धर्म के प्रति नफरत करना नहीं सीखाता है। इसलिए हमें यह नफरत मिटाने की जरूरत है। महरिया ने कहा कि बेटी होना भाग्य की बात है लेकिन बहन होना सौभाग्य है। बेसवा सरपंच जरीना खां ने कहा कि नन्द किशोर महरिया से बेहद पुराना रिश्ता है। धर्म भले ही अलग अलग है लेकिन हमें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि हम एक नहीं है। भाई बहन का प्यार वर्षों से जो है वो ही अब तक चल रहा है। जो लोग नफरत फैलाने का काम करते है, उनको यह प्यार देखने की जरूरत है। आप अलग अलग धर्म से होकर भी आपसी रिश्ते, पारिवारिक रिश्ते निभा सकते है। गौरतलब है कि जरीना खां के पति अरसद अली आईपीएस हैं।

महरिया ने पेश की साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, रक्षाबंधन पर मुस्लिम बहन के घर जाकर बंधवाई राखी | New India Times

इस दौरान अरशद अली आईपीएस, एडवोकेट रसीद खान, आसिफ खान, फारूक अली, इरशाद मास्टर, यूसुफ खान पूर्व सरपंच, इमरान खान, जाबिर खान, खान मोहम्मद खान, बशीर खान, अस्मत खान, बाबू खान, फारुख खान, नसरू खान, लियाकत खान, इब्राहिम खान, मुस्ताक खान, शौकत खान, हसन खान, जाफर खान, गंगाधर, गोविंद राम, महावीर, महेंद्र, रविदास, धनाराम, श्रवण, युनुस खान, शीशराम थोरी, सूर्य प्रकाश, चंद्रप्रकाश, अमित तिवाड़ी, संदीप भड़िया, सुरेश डारा, धर्मपाल मील, जगुराम सहित कई लोग मौजूद रहे।


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