स्कूल टाइमिंग में भवन निर्माण कार्य से परेशान हैं छात्र-छात्राएं, कर्मचारी नेता संतोष सिंह दीक्षित ने इस ओर कराया प्रशासन का ध्यान आकर्षित | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

कर्मचारी नेता संतोष सिंह दीक्षित कर्मचारियों के हक व हकूक़ की लड़ाई में सदैव अग्रणी रहने के साथ-साथ अनेक सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी पैनी नज़र रखते हैं। बुरहानपुर के कमल टॉकीज के पास स्थित मेन उर्दू प्राइमरी स्कूल नंबर 1 एवं हिंदी प्राइमरी स्कूल नंबर 1 में स्कूल के संचालन के दौरान स्कूलों की बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे यहां ध्यान रख छात्र-छात्राओं को जीरो ग्राउंड पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस संबंध में कर्मचारी नेता संतोष सिंह दीक्षित ने बुरहानपुर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, बुरहानपुर महापौर, नगर निगम अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित कराते हुए निवेदन किया है कि शासन के आदेश के अनुसार जो भी निर्माण कार्य करना है, कीजिए इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन स्कूल समय में निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। कारण यह कि आज यहां पर प्राथमिक उर्दू स्कूल का अपडेट होकर माध्यमिक हो गया है जिसकी बिल्डिंग बन रही है, शनिवार को उसका स्लैप डाला जा रहा है जिसके कारण सीमेंट उड़ रहा है, धूल हो रही है, मिट्टी उड़ रही है। स्लेब डालने वाली मशीन का इंजन चलने के कारण धुआं निकाल रहा है जिस कारण स्कूल के बच्चों को बंद कमरे में पढ़ाना पड़ रहा है। उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इंजन चलने के कारण इतना व्यवधान पैदा हो रहा है कि बात करना मुश्किल है। नगर निगम के इंजीनियर से निवेदन भी किया गया था कि अवकाश के दिनों में स्लैब डाला जाए उसके बावजूद भी स्कूल के कार्य दिवसों में निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। दो कमरे इसके कारण बंद करना पड़े। कर्मचारी नेता संतोष सिंह दीक्षित ने शासन प्रशासन से निवेदन किया है कि इस संबंध में भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो। कर्मचारी नेता संतोष सिंह दीक्षित ने जहां अपना कर्तव्य निभाया है, वहीं इस वार्ड के पार्षद की उदासीनता भी सामने आई है। अपने क्षेत्र में स्कूल समय में स्कूल का निमार्ण कार्य हो रहा है उस पर उन्हें ध्यान देने की ज़रूरत है, लेकिन उनका इस ओर ध्यान नहीं है। पूर्व के पार्षद ऐसे मामले में सदैव सक्रिय रहते थे।


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