गुरु का सानिध्य कंकर को भी शंकर बना देता है: पूज्य संयत मुनिजी | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

गुरु प्रेरणा पाकर बचपन से लगाकर पचपन की उम्र वाले यहाँ तपस्या कर रहे हैं हर तरफ वर्षा ऋतू की बाढ़ आ रही है परन्तु मेघनगर में तपस्वियों की बाढ़ आ गई है सकल जैन श्री संघ के प्रत्येक घर मे आत्मोंत्थान वर्षावास के अंतर्गत तप किया जा रहा है कर्मों रविवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए बताया शरीर धोकेबाज़ है इसको हम कितना सजाते हैं सावरते हैं इसके लिये हम कितना पाप करते हैं फ़िर भी ये एक समय बाद हमारा साथ छोड़ देता है गंदगी से हम पसंद नहीं पर ये शरीर तो असूची का भंडार है कितनी महँगी मिठाई भी हम खा ले बाद में ये शरीर असूची ही बाहर निकलेगा शरीर में जो भी लगाया वो यहीं रहने वाला है आत्मा के लिये जो करेंगें वो ही साथ जायेगा शरीर के प्रति ममत्व आगया तो साधना नहीं हो आयेगी।
समुहिक सिद्धितप की तपस्या के 140 तपस्वियों के बेले का पारणा शनिवार को हुआ जिसके लाभार्थी विनोद रणजीत सिंह बाफना परिवार ने लिया सीमा झामर के मेरु तप सहित कई छोटी बड़ी तपस्या भी पूर्ण हुई इस वर्षावास में अभी तक 10 बड़ी तपस्या पूर्णता की ओर है प्रभावना का लाभ अणु जिनेन्द्र कृपा मंडल ने लिया एवं संचालन विपुल धोका द्वारा किया गया।


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