खीरी पहुंचे कबीना मंत्री, अफसरों की ली समीक्षा बैठक, जानी प्रगति, दिए निर्देश | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

खीरी पहुंचे कबीना मंत्री, अफसरों की ली समीक्षा बैठक, जानी प्रगति, दिए निर्देश | New India Times

गुरुवार को यूपी के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनपद खीरी पहुंचे, जहां उनके जनपद आगमन पर डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने पुष्प देकर उनका स्वागत किया।
इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर कबीना मंत्री धर्मपाल सिंह ने जिले में चरागाह, गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराकर नैपियर घास, चारा इत्यादि उगाने, निराश्रित गोवंश को गो-आश्रय स्थल पर पहुॅचाने, देशी गाय के संरक्षण एवं रोग निदान के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में जरूरी बैठक की, संबंधित को जरूरी निर्देश दिए। बैठक की शुरुआत में उन्होंने एक-एक अफसरों का परिचय जाना। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने गोवंश संरक्षण के लिए जनपद स्तर पर किए गए नवाचारों की जानकारी दी।बैठक की अध्यक्षता करते हुए पशुधन मंत्री ने निर्देश दिए कि हर गांव में चारागाह, गोचर की भूमियों को एसडीएम चिन्हित करें। एसडीएम-सीओ की संयुक्त टीमें उन्हें कब्जा मुक्त कराएं। उसपर नेपियर घास लगवायें, जिससे गौशालाओं में संरक्षित निराश्रित गौवंशों को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी एसडीएम अपनी तहसील के बीडीओ एवं वीओ के साथ तथा विकास खण्ड स्तर पर बीडीओ ब्लॉक के सभी वीओ के साथ बैठक कर गौ-आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्ययोजना बनायें।
पशुधन मंत्री ने कहा कि चरागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए 45 दिनों का विशेष अभियान कुछ जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करें। गोचर भूमि को कब्जामुक्त कराकर वहां निराश्रित गोवंश के लिए बहुवर्षीय चारा (नैपियर घास) का उत्पादन शुरू किया जाए। उन्होने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए समुचित रणनीति बनाने, सभी बीडीओ एवं पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा गौशालाओं का नियमित भ्रमण, निराश्रित गौवंशों को संरक्षित कराना, बधियाकरण अभियान में तेजी लाने, ग्राम चौपाल के माध्यम से पशुपालकों से अपील करें कि वह अपने पालतू गौवंश को न छोड़े अन्यथा गौवंश छोडने वालों पर कार्यवाही की जायेगी।
पशुधन मंत्री ने कहा कि देसी गाय का दूध अमृत है। अफसर कृतिम गर्भाधान के लिए विशेष प्रयास करें। किसानों को अच्छी गाय, भैंस, भेड़, बकरी पालने के लिए प्रोत्साहित करने को विशेष प्रयास करें। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पूर्ण मनोयोग से काम करें। जिले में लंपी रोग की रोकथाम के लिए किए प्रयासों को सराहा। बाढ़ के मद्देनजर पशुओं को संक्रामक रोगों के टीके जरूर लगाएं। उन्होंने जिले में संचालित 12 मोबाइल वेटरनरी यूनिट के क्रियान्वयन, प्राप्त काल के सापेक्ष रिस्पांस जाना। टोल फ्री नंबर 1962 का व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। पीएम के सपने का उत्तर प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित होकर काम करें। पशुधन मंत्री ने विशेषतौर पर नंद बाबा मिशन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वदेशी गोसंवर्द्धन योजना लागू की जा रही है। स्वदेशी गाय की इस योजना में पशुपालकों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा।बैठक की शुरुआत में सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 4.68608 लाख गोवंश, 8.36358 लाख महिषवंश हैं। जिले में कुल 13 लाख चार हजार 966 पशु है। जिले में छह माह पूर्व 48 गो आश्रय स्थल संचालित थे, जो वर्तमान में बढ़कर 101 हो गए। जिले में 27665 निराश्रित गोवंश को 101 गो आश्रय स्थलों में संरक्षित है। वही पांच हजार गोवंश सुपुर्दगी हैं। जिले में अभी भी गोवंश को संरक्षित करने का सिलसिला जारी है। जिले में 87 अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल, पांच वृहद गौ संरक्षण केंद्र, जिला पंचायत द्वारा 02, नगर पालिका परिषद द्वारा 05, एवं दो कान्हा उपवन संचालित है।बैठक में सीवीओ डॉ सोमदेव सिंह ने गौ संरक्षण, एआई टीकाकरण, मिशन 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान, मिशन मिलियन सेक्सड, टीकाकरण, पीएफएमएस भुगतान, डीबीटी प्रक्रिया, मोबाइल बैटरी यूनिट, भूसा टेंडर प्रगति, उप्र कुक्कुट विकास नीति, एनएलएम योजना सहित विभिन्न योजनाओं एवं पैरामीटर्स पर जिले की प्रगति बताइ। उन्होंने जनपद में निर्माणाधीन स्थाई एवं वृहद गो आश्रय स्थलों की प्रगति बताइ।बैठक के अंत में डीएम ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि बैठक में जो दिशा निर्देश मा.मंत्री जी ने दिए है उनका पूर्णतया अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। बेहतर नजरिए एवं सोच के साथ अफसरों की पूरी टीम पूरे मनोयोग से काम करेगी, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
वन महोत्सव पर गो आश्रय स्थल पर ट्री गार्ड के साथ रोपे पांच-पांच पौधे : धर्मपाल।
बैठक में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि देसी गाय के दूध के साथ गोबर पर भी काम करने की जरूरत है। 22 जुलाई को आयोजित वन महोत्सव के पुनीत अवसर पर जनप्रतिनिधि, अफसर स्वयं जाकर जिले की प्रत्येक गो आश्रय स्थल में कम से कम पांच-पांच पौध मय ट्रीगार्ड के साथ पीपल, पाकड़, बरगद, जामुन और गूलर का रोपण करें।
बेसहारा पशुओं पर बोले मंत्री, पूरा बजट भी लगा दें तब भी नहीं हल होगी समस्या, सिर्फ सामाजिक जागरूकता जरूरी।
बेसहारा पशुओं की समस्या पर मंत्री ने कहा कि सरकार अपना पूरा बजट भी लगा दे, तो भी यह समस्या हल होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी है सिर्फ बजट से काम नहीं चलेगा।
पशुधन मंत्री ने कैटल कैचर को दिखाई हरी झंडी,किया रवाना।
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने जिपं अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, सीडीओ अनिल कुमार सिंह, अपर निदेशक पशुपालन पीएन सिंह के साथ जिपं की कैटल कैचर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बताते चलें जिला पंचायत खीरी द्वारा यह कैटल कैचर पशुपालन विभाग को पशुधन मंत्री के हाथों सौंप दिया गया, जो गोवंश संरक्षण में मददगार साबित होगा।


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By nit

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