पिछली कांग्रेस-राष्ट्रवादी सरकार लबाड़ थी लेकिन यह बीजेपी- शिवसेना सरकार महा-लबाड है: सांसद शेट्टी | New India Times

कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; ​पिछली कांग्रेस-राष्ट्रवादी सरकार लबाड़ थी लेकिन यह बीजेपी- शिवसेना सरकार महा-लबाड है: सांसद शेट्टी | New India Timesचुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों से वादा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद स्वामीनाथन आयोग लागू करेंगे किन्तु आज वह किसानों को दिए अपने आश्वासन को भूल गए हैं। यही हाल भाजपा की सत्तारूढ़ राज्य सरकार का भी है। पिछली कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस की सरकार “लबाड़” थी किंतु भाजप- शिवसेना की यह सरकार “महा-लबाड” है। किसानों के हित के लिए हम लड़ते रहेंगे, इस प्रकार की प्रतिक्रिया स्वाभिमानी किसान संगठन के संस्थापक व सांसद राजू शेट्टी ने दी है।​
पिछली कांग्रेस-राष्ट्रवादी सरकार लबाड़ थी लेकिन यह बीजेपी- शिवसेना सरकार महा-लबाड है: सांसद शेट्टी | New India Timesआज बुलढाणा ज़िले के खामगांव में राष्ट्रीय महामार्ग क्र.6 पर किसानों के हित के लिए लड़ रही सुकाणू समिती की तरफ से रास्ता रोको आंदोलन किया गया था। इसी आंदोलन में शामिल होने के लिए सांसद राजू शेट्टी खामगांव पहुंचे थे। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर खामगांव के ही निवासी हैं और सरकार पर दबाव बनाने के लिए कृषिमंत्री की नाक के नीचे ही यह आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के समापन के बाद सांसद राजू शेट्टी बुलढाणा पहुंचे और उन्होंने यहां आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित किया। प्रेस कांफ्रेंस में सांसद शेट्टी ने आगे कहा कि सरकार ने किसानों के हित में कोई अच्छा फैसला नहीं किया है। देश में दाल की पैदावार होने के बावजूद भी विदेश से दाल मंगाई जा रही है, जिससे देश में पैदा होने वाली दालों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार ने राज्य के किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए 34 हज़ार करोड़ की घोषणा की किंतु यह घोषणा केवल घोषणा ही बनकर रह गई है। किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने कर्ज माफी के लिए जो शर्तें लगाई हैं वह किसानों के ऊपर खरी नहीं उतर रही हैं। आज देशभर में किसान बेहाल है। विगत माह मध्यप्रदेश में किसानों द्वारा उग्र आंदोलन किया गया था जिसमें 6 किसानों की जान भी गई थी। सरकार ने कई तरह से किसानों पर दबाव बनाया ताकि किसान आंदोलन को रोका जाए। महाराष्ट्र में भी आंदोलन हुए। जब पूरे देश में किसान आंदोलन आरंभ हुए तो इसे एकजुट करने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की स्थापना कीईगई जिसमें देश की 160 किसान संगठनों का समावेश है। आज विदर्भ और मराठवाड़ा में सूखे की स्थिति बनी हुई है। किसान इस आसमानी संकट से जूझ रहा है। किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले हम भाजप के महागठबंधन में शामिल थे इस उम्मीद के साथ कि किसानों की स्थिति सुधरेगी लेकिन किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं आया है। इस पत्रकार परिषद में वस्त्रउद्योग निगम के अध्यक्ष रविकांत तुपकर, प्रकाश पोफले, गजानन बंगाले, मयूर बोरडे, राणा चंदन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।


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