यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:
पुलिस के समान वेतन भत्ते की मांग को लेकर जेलप्रहरी दोबारा सामूहिक आमरण अनशन पर चले गए हैं। अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के बैनर तले चल रहे आमरण अनशन व कार्य बहिष्कार को समर्थन देने के लिए अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के संभाग प्रभारी डॉ रंजीत मीणा जिला करागृह धौलपुर पहुंचे जहां उन्होंने जेल प्रहरियों के समर्थन में जाकर मैश के चल रहे कार्य बहिष्कार के बाद बर्तन और अन्य खाने के समान की स्थिति को देखा और जेल प्रहरियों की मांगों को सुना। डॉ रंजीत मीणा ने राज्य सरकार पर तानाशाह और वादा खिलाफी का आरोप लगाया। जो सरकार जेल प्रहरियों से जनवरी में हुए समझौते को लागू नहीं कर रही उस सरकार को असंवेदनशील नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए। पिछली बार समझौते में डीजी जेल भूपेंद्र कुमार दक ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन जेल प्रहरी आज भी खाली हाथ हैं। जेल प्रहरी जेल के अंदर हार्डकोर अपराधियों की देखरेख करते हैं उनके परिवार को इन हार्डकोर अपराधियों से भय की स्थिति रहती है उसके बाबजूद उनके वेतन भत्ते वर्तमान समय के अनुशार बहुत कम हैं। जेल प्रहरी 21 जून से लगातार अपने परिवारजनों के साथ सामूहिक अनशन और कार्य बहिष्कार पर हैं। सरकार को इनकी बात को अविलंब मानकर इनकी शर्तों को लागू किया जाना चाहिए। प्रदेश भर में लगभग 30 हजार जेल प्रहरी हैं। महासंघ के जिला अध्यक्ष चंद्रभान चौधरी ने कहा कि पिछले आंदोलन में जेल प्रहरी लगातार 6 दिन तक अनशन व कार्य बहिष्कार पर रहे कई की तबियत भी खराब हुई थी लेकिन फिर भी सरकार नहीं सुन रही है। इस दौरान जेल प्रहरी मनोज कुमार, दिनेश चंद शर्मा, संजय बैरबा, रणजीत सिंह, राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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