मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

बुरहानपुर ज़िले में अवैध तरीके से वन भूमि हथियाने के लिए नक़ली दिखावटी नबाड दिखाकर सत्ताधारी पार्टी के तथाकथित नेताओं और इनके साथियों ने जोर शोर से अभियान चलाया हुआ है, जिसका एक उदाहरण ग्राम पंचायत बिरोदा का सरपंच है जिसने पंचायत के हलपानी प्लांटेशन क्षेत्र क्र. 06 भोलाना बीट की 40 हेक्टेयर वन भूमि को कब्जाने के लिए अपने कथित भूमाफिया आदिवासी साथियों के साथ प्रशासन की आंखों में सरेआम धूल झोंकते हुए फर्जी वन अधिकार पट्टे हेतु आवेदन प्रस्तुत किये, जबकि उक्त वन भूमि पर वन विभाग ने वर्ष 22-23 के लिए प्लांटेशन लगाया हुआ है। यह सब जानते हुए भी प्रशासन फर्जीवाड़ा रोकने की बजाय झूठे मक्कार आवेदकों की तरफदारी कर आवेदन स्वीकारता है और अधिनस्थ कर्मचारियों को आगामी कार्यवाही के लिए आदेश भी देता है। वह इसलिए कि आवेदक सत्ताधारी पार्टी का सरपंच है जिसे सत्ता की आड़ में वन भूमि पर अवैधानिक कब्जे को वैधानिक करने का अधिकार मिल गया है जबकि कटु सत्य यह है कि उक्त भूमि के आसरे पूरा एक गाँव भोलाना अपना पीढ़ी दर पीढ़ी जीवन यापन करते आ रहा है। धनगर समाज पशु पालन कर उक्त वन क्षेत्र भूमि पर पशुओं का पेट भरते हैं और पशु दूध आदि माध्यम से इन ग्रामीणों का पेट पालते हैं जिनके जीने के सहारे वन भूमि को सत्ता की आड़ में छीनने की कुचेष्टा को शिवसेना कभी सफल नहीं होने देगी। वन भूमि भूमाफियाओं के विरुद्ध निरंतर आवाज़ उठाते हुए शिवसेना प्रदेश प्रवक्ता आशीष शर्मा ने ग्रामीणों के हक़ अधिकार की रक्षा हेतु वन मंडल डीएफओ को ज्ञापन सौंपा है, जिसके द्वारा मांग की गई कि ऐसे धोखाधड़ी कर प्रशासन को गुमराह करने वाले भूमाफियाओं के आवेदन प्रथम द्रष्टया अस्वीकार करें और जालसाज़ी के आरोप में कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाये अन्यथा शिवसेना आंदोलन के लिए विवश होगी।

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