सद्दाम हुसैन, लखनऊ (यूपी), NIT:

शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के बलिदान दिवस पर संगोष्ठी आयोजित कर मजदूर आन्दोलन और भगत सिंह जैसे अमर बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव ने की और संचालन शिक्षक प्रतिनिधि रीना त्रिपाठी ने किया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता आल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के स्मरण का अर्थ है हर क्षेत्र, हर दल और विचार में घुसी जातिय विद्रूपताओं व संकीर्णताओं को अपने व्यवहार से ख़त्म करें, दहेज़, कन्या भ्रूण ह्त्या, स्त्री अपमान, अंध विश्वास भगत सिंह की क्रांतिकारी ज्वालाओं में भस्म हों तभी उनका स्मरण सार्थक होगा। उन्होंने कहा जहाँ भी अन्याय, जुल्म और अनाचार है उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज भगत सिंह है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कहते थे कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर एकाधिकार जमाये रखेंगे। चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या सर्वथा भारतीय पूंजीपति। भगत सिंह ने कहा कि यह युद्ध न तो हमने प्रारम्भ किया है और ना यह हमारे जीवन के साथ समाप्त होगा। भगत सिंह ने कहा हम गोरी बुराई की जगह काली बुराई को लाकर कष्ट नहीं उठाना चाहते। बुराइयाँ एक स्वार्थी समूह की तरह एक दूसरे का स्थान लेने के लिए तैय्यार रहती हैं। संगोष्ठी में प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी संघों के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षक, बुद्धिजीवी और आम लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। वरिष्ठ कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव, उमाशंकर मिश्र, चन्द्रशेखर, प्रेम नाथ राय, दिलीप श्रीवास्तव, वी.पी. मिश्र, शिवबरन यादव, सतीश पांडेय, कमलेश मिश्र, शशि कुमार मिश्र, राम राज दुबे, मनोज मिश्र, हरिशरण मिश्र, रामेन्द्र श्रीवास्तव, रिंकू राय, राम भजन मौर्य, बी.एल. कुशवाहा, उदय नाथ सिंह, सुरेश सिंह यादव, राम कुमार धानुक, अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, हेमन्त खड़का, बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, रेनू शुक्ला, गीता वर्मा, रेनू त्रिपाठी, राममूर्ति यादव ने सभा को संबोधित किया।
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