नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
![मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में विवेचना का विषय बना 400 मीटर लंबी सड़क का निर्माण, किस आधार पर कर सकते हैं बारामती से तुलना, असंतुष्ट मतदाता पूछ रहे हैं सवाल 2 मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में विवेचना का विषय बना 400 मीटर लंबी सड़क का निर्माण, किस आधार पर कर सकते हैं बारामती से तुलना, असंतुष्ट मतदाता पूछ रहे हैं सवाल | New India Times](https://usercontent.one/wp/www.newindiatimes.net/wp-content/uploads/2023/02/IMG-20230225-WA0003-1024x768.jpg?media=1720687763)
अपने अधीन विभागों के तहत विकास को लेकर बिना कोई प्रयास किए बड़े बड़े दावे कर भाषण देना किसी भी मंत्री और उसको सुनने वाली जनता के लिए आम बात इस लिए हो चुकी है क्योंकि इन दोनों ने लोकतंत्र को नकारते हुए बिना किसी विकल्प के एक दूसरे को हमेशा के लिए स्वीकार कर लिया है। जनता को केवल एक रोजगार थमाया गया है मंत्रियों के खोखले भाषणों में बारामती जैसे विकास की मंशा को सुनो फिर ताली बजाओ। ऐसे मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ लोग जो नागरिक हैं जिनकी अन्तरात्मा जागृत है वे सड़क, बिजली, पीने के पानी के लिए आंदोलन करते नजर आते हैं। ED सरकार (एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस) में इस बार ग्राम विकास मंत्री बनाए गए गिरीश महाजन जो छह टर्म से विधायक हैं उनके गृह निर्वाचन के शेंदुर्नी में महज 400 मीटर सड़क के निर्माण के लिए लोगों का बरसों से संघर्ष करना यह किसी विवेचना से कम नहीं है।
![मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में विवेचना का विषय बना 400 मीटर लंबी सड़क का निर्माण, किस आधार पर कर सकते हैं बारामती से तुलना, असंतुष्ट मतदाता पूछ रहे हैं सवाल 3 मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में विवेचना का विषय बना 400 मीटर लंबी सड़क का निर्माण, किस आधार पर कर सकते हैं बारामती से तुलना, असंतुष्ट मतदाता पूछ रहे हैं सवाल | New India Times](https://usercontent.one/wp/www.newindiatimes.net/wp-content/uploads/2023/02/IMG-20230225-WA0005-1024x768.jpg?media=1720687763)
स्टेट बैंक से लेकर उर्दू स्कूल तक 400 मीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी सड़क को बनाने के लिए PWD को आज भी जून तक का समय चाहिए। किशोर गुजर, डॉ नीलम अग्रवाल, पंडित जोहरे, संजय सूर्यवंशी, अनील झंवर, शरद बारी समेत सैकड़ों आंदोलकों ने बताया कि पांच साल से यह काम लंबित है। सड़क की बदहाली उसमें बिजली के खंभों और ड्रेनेज की अव्यवस्था से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। NIT ने PWD के इंजीनियर चन्नावार से बात की तो उन्होंने कहा कि ठेका एस एस पाटील को दिया गया है, जून तक काम पूरा कर लिया जाएगा। चन्नावार के वरिष्ठ आर डी पाटील ने तो अतिक्रमण का पारंपरिक कारण बताकर सारा दोष किसी और पर मढ़ने की कोशिश की। शेंदुर्नी सोयगांव यह प्रादेशिक राज्यमार्ग कई सालों से दो प्रशासनिक पाटों के बीच पिस रहा है। कांग्रेस की सरकारें थीं तब भी शेंदुर्नी के विकास को लेकर कोई शाश्वत प्रयास नहीं किया गया, नेता गण केवल अपनी राजनीतिक पारिवारिक प्रतिष्ठा संवारने में लगे रहे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.