नरेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
केंद्र सरकार के ‘हर घर ध्यान’ योजना के तहत जामनेर कोर्ट में योग शिविर का आयोजन किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग की ममता शर्मा ने मान्यवरों को योग प्राणायाम सिखाया। शिविर में न्यायाधीश डी एन चामले, न्या बी वी काले, न्या पी वी सूर्यवंशी, सरकारी अधिवक्ता अनील सारस्वत, कृतिका भट, अशोक डोलारे, कृष्णा बनकर तथा वकील एवं कर्मी मौजूद रहे।
हर घर, घर घर, हर हर, नेशन इलेक्शन, राशन, पेंशन वगैरह वगैरह टाइप यमक मिलान से बनी लाइनों को एकवाक्यता से उच्चारण कर नई ऊर्जा का सृजन करने वाली ऐसी सैकड़ों घोषणाएं सरकार ने जनता के बीच आसानी से ठेल दी है जो काफी लोकप्रिय भी रही। इन स्लोगन्स से प्रत्येक भारतवासी को यह अयथार्थवादी अनुभूति हो रही है कि आजादी के अमृतकाल में वह एक नागरिक होने के नाते अत्याधिक सशक्त है भलेही सच्चाई विपरीत हो या पीड़ादायी हो, खैर योग को लेकर इतिहास के पन्नों में 12 फरवरी एक महत्वपूर्ण पन्ना है। इसी दिन 1924 को बिहार के मधुबनी में स्वामी धीरेंद्र चौधरी (ब्रह्मचारी) का जन्म हुआ था। ब्रह्मचारी योग के महानतम ज्ञाता थे और नेहरू गांधी परिवार के नजदीकी भी, शायद इसी के चलते मोदी सरकार को हर घर ध्यान कंसेप्ट में स्वामी धीरेंद्र को याद करना असहज महसूस हुआ होगा तभी उनसे जुड़ी कोई याद शेयर नहीं की गई।
नगर परिषद की ओर से योग केंद्र – योग का प्रचार प्रसार हो और प्रशासन पीछे रहे ऐसा कैसे हो सकता है आखिर योग मानसिक तथा आध्यात्मिक क्रीड़ा प्रकार है जिससे शांति और स्वस्थ सेहत प्राप्त होती है। जामनेर नगर परिषद की ओर से शहर के किसी एक सरकारी ओपन स्पेस में योग केंद्र का भूमिपूजन किया गया है। युवाओं में इसी बहाने मांग की जा रही है कि साल भर से अधिक समय से पहले बनकर तैयार हो चुके स्विमिंग पूल को जो नगर परिषद द्वारा बंद कर के रखा गया है उसे प्रशिक्षण के लिए खोला जाए। वैसे शहर के युवाओं की मुख्य मांग रोजगार के अवसर और स्टेडियम रही है जिसे मंत्री महाजन की ओर से बीते 30 सालों से पूरा नहीं किया गया है।
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