केंद्रीय बजट 2023-24: पूंजीपतियों को सहूलियत देने वाला बजट: डॉ नादिर सलाम | New India Times

अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

केंद्रीय बजट 2023-24: पूंजीपतियों को सहूलियत देने वाला बजट: डॉ नादिर सलाम | New India Times

डॉ नादिर सलाम ज़िला कांग्रेस चेयरमैन सिद्धार्थ नगर पीसीसी मेम्बर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी व भावी अध्यक्ष प्रत्याशी नगर पंचयात इटवा ने केंद्रीय बजट पर निराशा जताते हुए बृहस्पितवार को कहा कि यह गरीबों की जेब काटकर पूंजीपतियों को सहूलियत देने वाला बजट है। नादिर सलाम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश केंद्रीय बजट 2023-24 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद के समय में प्रस्तुत इस वर्ष के बजट से मेरे जैसे करोड़ों लोग पिछड़े, किसान, युवा, महिला और मजदूर उम्मीद लगाये हुए थे उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद थी कि कोरोना वायरस महामारी के समय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार को लेकर विशेष प्रबंध किएं जाएंगे। हमें उम्मीद थी कि वस्तु एवं सेवा कर छूट के लिए समय बढ़ाया जाएगा, लेकिन आशा के विपरीत यह बजट इनके पूंजी पति मित्रों को ध्यान में रखकर लाया गया है बजट में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कुछ भी नहीं है
मनरेगा का बजट कम किया गया है। सिंचाई का बजट कम किया गया है। उर्वरक की सब्सिडी कम की गई है, शिक्षा का बजट कम किया गया है। स्वास्थ्य का बजट कम किया गया है। हद तो यह कर दिया की हीरे को सस्ता किया गया और आटे को महंगा किया गया। किसानों, मजदूरों, नौजवान के लिए बजट में कुछ भी नहीं देश की आधी आबादी से ज्यादा संपत्ति इनके 2 -3 भगोड़े मित्रों के पास है। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है आर्थिक संकट से निपटने के लिए बजट में इनके पास कुछ भी नहीं है। बजट की चुप्पी चिंताजनक है। विभिन्न कृषि उत्पादों पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं की गई है। मुझे तो लगता है कि उन्होंने (केंद्र सरकार ने) मान लिया है कि इनके घोषणा करने मात्र से ही किसानों की आय दोगुनी हो गयी है।’’
डाॅ नादिर सलाम ने कहा कि वह बजट में यह ढूंढने का प्रयास कर रहे है कि इसमें गरीबों के लिए क्या है।
उन्होंने कहा कहा कि मध्यम वर्ग को सहारा देने के लिए भी सिर्फ शिगूफा छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि बचत को हतोत्साहित करने वाला यह बजट गरीब और मध्यम वर्ग के भविष्य को भी असुरक्षित करने वाला है।


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