मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
केंद्र सरकार ने जुलाई 2022 से महंगाई भत्ता लागू कर दिया, तो मध्य प्रदेश सरकार 1 जनवरी 2023 से महंगाई भत्ता देने की बात कर भेदभाव बरत रही है। लोक कल्याणकारी राज्य की नीति होती है कि समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को हर योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए परन्तु कर्मचारियों को लिए तो यह उल्टा पुल्टा आदेश है। आईएएस अफसर को लाभ जुलाई से और निचले कर्मचारियों को जनवरी से। एरियर्स भी जुलाई वालों को ही मिलेगा, जनवरी वालों को कहां से मिलेगा? कर्मचारी हितैषी सरकार कर्मचारियों का बुरा नहीं देख सकतीं इसलिए हर क्षेत्र में सरकार की दोहरी नीति ना अपनाए। सरकार की इस दोहरी नीति से मध्यप्रदेश के समस्त कर्मचारी आहत हैं और इस आदेश के कारण ख़ुश नहीं आक्रोश में है।
प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित, संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत, अपॉक्स के जिला अध्यक्ष राजेश सावकारे, अजाक्स के जिला अध्यक्ष राजेश साल्वे, अखिल भारतीय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशफ़ाक़ खान, मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय संभागीय अध्यक्ष ठाकुर अरविंद सिंह, मंडी कर्मचारी महासंघ के शेख महमूद, सदानंद कापसे, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ठाकुर हेमंत सिंह, वन कर्मचारी संघ के सचिन हांबर, आउटसोर्सिंग के जिला अध्यक्ष पवन सिंह टीडब्ल्यूए, जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने अनुरोध किया है कि सरकार अपने इस विसंगति पूर्ण आदेश में संशोधन कर जुलाई माह से डी ए के भुगतान का आदेश करें और और इसके एरियर्स का भी नगद भुगतान करें।
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