यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने एवं मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वालों की धरपकड़ के बावजूद मिलावटखोर जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंक कर बाजार में नकली खाद्य पदार्थ बेधडक़ बेच रहे हैं। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत शहर में बस स्टैंड से एक प्राइवेट बस द्वारा भीलवाड़ा के लिए भेजा जा रहा मिल्क केक पकड़ा है। कार्रवाई जिला कलेक्टर के निर्देशन में हुई है, जिसमें एसडीएम व खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बस में से पकड़ा है, जिसकी सेम्पलिंग कार्रवाई की गई। इससे पहले भी शहर में विभाग ने समय-समय पर कार्रवाई कर दुकानों से मिल्क केक नष्ट करवाया बावजूद इसके धौलपुर में नकली मिल्क केक से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर किया जा रहा है। जिसे मामूली 60 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदकर 350 से 400 रुपये प्रति किलो में बेचा जा रहा है। त्योहारी सीजन में सैकड़ों किलो नकली मावा धौलपुर जिले की मिठाई की दुकानों पर बेच दिया गया। रविवार को कार्रवाई के दौरान बस में से करीब 18 पेटी मिल्क केक पकड़ा है। फिलहाल कार्रवाई करते हुए मिल्क केक के सेंपल लिए गए हैं और जब्त मिल्क केक को नकली पाए जाने पर नष्ट करवाया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिले में मिठाई के विक्रेताओं को 60 से 80 रुपए किलो में नकली मावा बेचते हैं। दुकानदार इस मावे को 250 से 300 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से ग्राहकों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।
ऐसे बनाते है नकली मिल्क केक
अधिकारियों की मानें तो कारखानों में मिल्क पाउडर, रिफाइंड ऑयल, ग्लूकोज, सूजी तथा चीनी का प्रयोग कर नकली मिल्क केक तैयार करते हैं। गर्म पानी के अंदर मिल्क पाउडर मिला कर सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता है। जिसे भट्टी पर गर्म कर उसमें सूजी मिलाकर गाढ़ा करते हैं। घोल के अंदर फैट या चिकनाहट दिखाने के लिए ऑयल मिलाते हैं तथा मीठा करने के लिए गर्म घोल के अंदर ग्लूकोज मिलाते हैं। गर्म घोल को ही सीधा डिब्बों में भरकर पैकिंग करते हैं। इस प्रकार तैयार मिल्क केक में कुछ ही समय में फफंदें लग जाने से संक्रमण फैलता है, जो कि खाने योग्य नहीं होता है।
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