कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT;
बुलढाणा जिले की सीमा से सटे मराठावाडा जालना ज़िला के ग्राम वालसावंगी के एक केरोसिन विक्रेता से फिरौती की मांग करने वाले बुलढाणा के 4 पुलिस कर्मचारियों सहित एक नागरिक को भोकरदन दिवाणी न्यायालय ने 27 जुलाई को दो साल की कडी सजा व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाया है। बता दें कि, यह चारों पुलिस कर्मी घटना के समय बुलढाणा की लोकल क्राइम ब्रांच (एलसीबी) में कार्यरत थे।
ग्राम वालसवंगी के शिकायतकर्ता अर्धघाउक केरोसिन विक्रेता भगवान शिनकर को 20 दिसंबर 2005 को बुलढाणा एलसीबी के कर्मी सुभाष चांगदेव वानखेडे, गजानन ज्ञानेश्वर इंगले, सुनील लक्ष्मण जाधव व अंकुश मदनसिंग राजपूत सहित वालसंवगी के मदन फकिरा कोथलकर व विनोद खडके ने मिलीभगत करते हुए कहा था कि, तुम केरोसिन काले बाजार में बेचते हो हम बुलढाणा एसपी के विशेष पथक के लोग है, तुम्हारे उपर केस करेंगे, ऐसी धमकी देते हुए शिकायतकर्ता का हात पकडते हुए उसे गाडी तक लेकर गए व 50 हजार रुपए की फिरौती की मांग की थी। घटना के बाद भगवान शिनकर ने पारध पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ फिरौती मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। पारध थाने के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक कैलास काले ने मामले की जांच करते हुए दोष आरोपपत्र भोकरदन की दिवाणी न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने सभी सबूतों व गवाहों को जांचा जिसमें एक गवाह ने बताया कि, आरोपी विनोद खडके घटनास्थल पर मौजुद नही था इसलिए खडके को निर्दोष मुक्त कर दिया गया जबकि फिरौती मांगने का आरोप सिध्द होने पर आरोपी पुलिस कर्मी सुभाष वानखेडे, गजानन इंगले, सुनील जाधव, अंकुश राजपूत ये चारों पुलिस कर्मी सहित मदन कोथलकर को प्रथमवर्ग न्यायाधीश के.एच. पाटिल ने भादवी की धारा 384, 34 के तहत दोषि मानते हुए दो वर्ष की सजा व पांच हजार रुपए का जुर्माना सुनाया है।
याद रहे कि वर्ष 2005 में बुलढाणा एसपी के रूप में कृष्णप्रकाश कार्यरत थे, जिन्होंने ज़िले के अवैध व्यवसाय को रोकने के लिए एक विशेष दल की स्थापना की थी और इसी दल में उक्त पुलिस कर्मी कार्यरत थे। इन चारों पर पारध थाने में फिरौती मांगने का अपराध दर्ज होने के बाद उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। फिल्हाल ये चारों कर्मी ज़िले के विविध थानों में अपनी सेवा दे रहे हैं।
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