राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

सुखचैन नदी के तट पर विराजमान करीब 500 साल पुराने श्री सिद्ध गणेश मंदिर में शाम करीब 7:30 बजे महा आरती का आयोजन किया गया जिसमें नगर के सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
इस दौरान 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग श्री गणेश के लिए लगाया गया।

उल्लेखनीय है कि देवरी नगर में एकमात्र सिद्ध गणेश के नाम से मंदिर निर्मित है जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं यहां की मान्यता है कि जो व्यक्ति यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है भगवान श्री गणेश उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। बताया जाता है कि सिद्ध श्री गणेश का यह मंदिर 17 वी शताब्दी में बनाया गया था जो चंदेल राजाओं ने पुरातत्व महत्व के किले निर्माण के पूर्व किले से बाहर सुखचैन नदी के तट पर विराजमान की थी जो पहले एक चबूतरे के रूप में विराजत थी लेकिन जन सहयोग से यहां अब मंदिर का निर्माण किया जा चुका है। गणेश उत्सव के दौरान यहां प्रतिदिन आरती का आयोजन में किया जाता है बुधवार को महा आरती का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.