मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं में अध्यनरत विद्यार्थियों के बस्ते का वजन कम करने के संबंध में हुआ दिशा-निर्देश जारी | New India Times

अबरार अहमद खान /मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं में अध्यनरत विद्यार्थियों के बस्ते का वजन कम करने के संबंध में हुआ दिशा-निर्देश जारी | New India Times

प्रदेश के समस्त शासकीय अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के बस्ते का वजन कम करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
विद्यार्थियों के लिए कक्षावार पुस्तकों का वजन निम्नानुसार निर्धारित किया जाता है:-

  1. पहली 1.6-2.2
  2. दूसरी 1.6-2.2
  3. तीसरी 1.7-2.5
  4. चौथी 1.7-2.5
  5. पांचवीं 1.7-2.5
  6. छटवीं 2.0-3.0
  7. सातवीं 2.0-3.0
    8.आठवीं 2.5-4.0
    9.नौवी 2.5-4.5
    दसवी 2.5-4.5
    ग्यारहवी बस्ते का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीम बारहवीं के आधार पर तय किया जाएगा।
    राज्य शासन द्वारा निर्धारित एवं NCERT द्वारा नियत पाठ्यपुस्तकों से अधिक पुस्तकें विद्यार्थियों के बस्ते में नहीं होना चाहिए। 2,3 . कक्षा 2 तक के विद्यार्थियों को कोई भी गृह कार्य नहीं दिया जाए , जबकि कक्षा 3 से 5 वीं तक के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह अधिकतम 2 घंटे , कक्षा 6 से 8 वीं तक के छात्रों को प्रतिदिन अधिकतम 1 घंटे और कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन अधिकतम 2 घंटे का ही गृह कार्य दिया जाए।

-2 2.4 . प्रत्येक स्कूल को नोटिस बोर्ड एवं कक्षा कक्ष में बस्ते के बजन का चार्ट प्रदर्शित करना होगा। स्कूल डायरी का वजन भी बस्ते के वजन में ही सम्मिलित किया जाए।
2.5 , शाला प्रबंधन समिति के द्वारा ऐसी समय – सारणी तैयार की जाए, जिससे विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें / अभ्यास पुस्तिकाएं / कापियां नहीं लानी पड़ें और बस्ते का वजन निर्धारित सीमा से अधिक न हो।
2.6 . शाला प्रशासन / प्रबंधन समिति कक्षा 8 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए अभ्यास पुस्तिकाओं / वर्कबुक एवं अन्य आवश्यक सामग्रीयों को शाला में ही रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
2.7 . कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा एवं सामान्य ज्ञान के लिए कक्षाएं बिना पुस्तकों के लगाई जाए। स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कला की कक्षाएं भी बिना पुस्तकों के लगाई जाए। 2.8 . स्कूल बैग हल्के वजन के हो, जो कि दोनों कंधों पर आसानी से फीट हो सके। विद्यार्थियों को शाला में ट्रॉली बैग लाने की अनुमति नहीं होगी।
2.9 . पालकों के साथ संवाद के लिए शिक्षक डिजिटल माध्यम का प्रयोग करें। समय – समय पर स्कूल बैग के वजन की चर्चा मिडिया और शाला प्रबंधन समिति के साथ की जाए, जिससे सभी हितग्राहि बस्ते के वजन के संबंध में जागरूक हो सके।

2.10 सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस होगा। इस दिवस व्यवसायिक कार्यानुभव से संबंधित गतिविधियां कराई जाए।

2.11. जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले में रेंडमली शालाओं का चयन कर प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग के वजन की जाँच करेंगे और बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में हो, यह सुनिश्चित करेंगे। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील माना जाएगा।


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