जर्जर हो चुके जनता क्वार्टर के रहवासियों के भारी विरोध के कारण नगर निगम अमले को बिना मकान तोड़े जाना पड़ा वापस, मकान के बदले मकान देने की मांग | New India Times

शेख नसीम, भोपाल (मप्र), NIT:

जर्जर हो चुके जनता क्वार्टर के रहवासियों के भारी विरोध के कारण नगर निगम अमले को बिना मकान तोड़े जाना पड़ा वापस, मकान के बदले मकान देने की मांग | New India Times

35 साल पुराने जर्जर हो चुके जनता-क्वार्टर को तोड़ने के लिए कल नगर निगम के अधिकारी अपने अमले के साथ आए थे लेकिन जनता-क्वार्टर के निवासियों के भारी विरोध के कारण नगर निगम अमले को वापस जाना पड़ा।

नगर निगम ने 30 अगस्त तक जनता-क्वार्टर के रहवासियों को मकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया था और कल नगर-निगम का अमला जनता-क्वार्टर को पूरी तरह से ध्वस्त करने के इरादे से आया था लेकिन सैंकड़ों लोगों के विरोध के कारण नगर-निगम को बिना कार्यवाही के वापस जाना पड़ा। जनता-क्वार्टर में 600 परिवार रहते हैं, इन 600 परिवार में लगभग 3000 लोग निवास करते हैं, मकान टूटने से 3000 लोग बेघर हो जाते क्योंकि सरकार ने जनता-क्वार्टर के निवासियों को रहने के लिए कोई दूसरा मकान नहीं दिया था और बिना घर दिए नगर-निगम मकान तोड़ने की कार्यवाही करने के लिए उतारू था लेकिन जनता-क्वार्टर के रहवासी भी खुलकर नगर-निगम अमले के सामने आ गए थे और डंके की चोट पर कह रहे थे हमें घर के बदले घर दो नहीं तो हम जनता क्वार्टर को तोड़ने नहीं देंगे चाहे बुलडोज़र हमारी लाश पर ही क्यों ना गुज़ारना पड़े।

जनता-क्वार्टर के निवासी सुबह से पूरी तैयारी में थे और नगर निगम अमले के आते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ ऐशबाग थाने के सामने जमा हो गई थी, इनमें दूसरी कालोनियों के लोग भी शामिल थे. प्रशासन की तरफ से पुलिस भी हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। इसी बीच कांग्रेस के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष और नरेला विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार आसिफ ज़की भी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए एवं नगर निगम अधिकारियों से बात की। इस दौरान आसिफ ज़की ने मीडिया से बात करते हुए कहा की सरकार पहले जनता-क्वार्टर के निवासियों के लिए रहने की व्यवस्था करे उनको मकान दे उसके बाद नगर-निगम को मकान तोड़ने के आदेश करें। मकानों का दोबारा सर्वे कराया जाए और जितने निवासी जनता-क्वार्टर में निवास करते हैं सबको मकान दिए जाएं। इसके लिए हमें धरना देना पड़े तो धरना देंगे, सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़े तो सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी करेंगे लेकिन किसी को बेघर नहीं होने देंगे।


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