अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
एनडीए की बैठक के बाद उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर पच्छिमी बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ के नाम का ऐलान होने के बाद मतों की संख्या बल को देखते हुये उनकी जीत पक्की मानते हुये उनके झूंझुनू जिले के छोटे से गांव किठाना सहित राज्यभर में खुशी का माहौल देखा जा रहा है।
राजस्थान के भैरोसिंह शेखावत के बाद उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव बाद पहुंचने वाले धनकड़ प्रदेश के दूसरे व्यक्ति होंगे। वहीं इनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद देश की सबसे बडी दो पंचायतें लोकसभा व राज्यसभा के अध्यक्ष व सभापति राजस्थान प्रदेश से तालूक रखने वाले होंगे।
1986 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने के बाद चर्चा में आये जगदीप धनकड़ देश में वीपी सिंह के कांग्रेस छोड़कर बाहर आने पर बदलती राजनीति के समय जनता दल के रुप में राजनीतिक दल गठन के समय धनकड़ चौधरी देवीलाल के सम्पर्क में आकर 1989 में झूंझुनू लोकसभा से जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़कर पहली दफा सांसद बने। तभी जनता दल सरकार में मंत्री भी बने। फिर जनता दल से कांग्रेस मे आते हुये भाजपा मे आकर राजनीति की। उसके बाद मोदी राज मे बंगाल के राज्यपाल बनाये गये।
एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये गये जगदीप धनकड़ वैसे तो जाट बिरादरी से आते है। लेकिन राजनीति मे मतदाताओं पर उनकी कभी मजबूत पकड़ नही रही। उनके छोटे भाई रणदीप धनकड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी व गहलोत के पीछले मुख्यमंत्री कार्यकाल के समय उन्हें निगम का चैयरमैन भी बनाया गया था। मुख्यमंत्री गहलोत के वर्तमान सरकार के समय एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनकड़ की भतीजी को सूचना आयुक्त बनाया गया है।
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